तटरक्षक के लापता डोर्नियर विमान का मलबा और उसका फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर शुक्रवार को तमिलनाडु में समुद्र में 950 मीटर गहराई में 33 दिन की गहन खोजबीन के बाद मिल गया। इसकी तलाश में कई सरकारी एजंसियां लगी थीं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस स्तर पर यह अभी तक का पहला और अनोखा अभियान है।

विमान का फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर हादसे के कारणों का पता लगाने में महत्त्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘करीब एक महीने पहले शुरू हुए अभूतपूर्व तलाशी अभियान में यह एक बड़ी उपलब्धि है।’ रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीतांशु कार ने ट्वीट किया, ‘मलबा सबसे नजदीकी जमीनी स्थान से 17 एनएम पर और कुड्डलूर से करीब 20 एनएम दक्षिण पूर्व में 950 मीटर गहराई में मिला है।’

इससे पहले तटरक्षक बल के महानिरीक्षक सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया था कि विमान का मलबा और उसका फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र में चिदंबरम-कुड्डलूर के आसपास मिला है। लापता विमान की तलाशी के लिए फिर से तैनात की गई भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आइएनएस सिंधुध्वज ने छह जुलाई को 996 मीटर की गहराई में ट्रांसमिशन के संकेत महसूस किए थे।

बयान के मुताबिक तलाशी के लिए रिलायंस के जहाज एमवी ओलंपिक केन्यॉन को इस काम पर लगाने के लिहाज से यह जानकारी महत्त्वपूर्ण थी। इसके बाद बिना रुके तलाशी अभियान चलाया गया और 693 घंटे तक सतह पर और 196 घंटे तक हवाई प्रयास किए गए और आखिर में इसके सकारात्मक नतीजे मिले।

डोर्नियर विमान ने आठ जून को चेन्नई से नियमित निगरानी के लिए उड़ान भरी थी। आखिरी बार उसके बारे में राडार से रात 9.23 बजे तिरुचिरापल्ली में चिदंबरम तट से 16 किलोमीटर दूर होने का पता चला था। उड़ान के समय इस पर चालक दल के तीन सदस्य सवार थे। तटरक्षक, नौसेना और अन्य कई सरकारी एजंसियों के जहाज और विमान इतने दिनों तक विमान की खोज में लगे रहे।
विमान में उड़ान के समय सवार लोगों के परिजनों ने रक्षा मंत्रालय और तटरक्षक के अधिकारियों से तलाश तेज करने तथा विमान और इसके चालक दल के लापता होने को लेकर बनी अनिश्चितता को समाप्त करने की अपील की थी।