Kiren Rijiju News: नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में 11 साल पूरे होने पर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने मंत्रालय के प्रदर्शन, योजनाओं और बजटीय आवंटन, वक्फ संशोधन अधिनियम और मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप के तहत फंड में देरी के लिए इंडियन एक्सप्रेस से खुलकर बातचीत की है और सभी मुद्दों पर विस्तार से बताया है।
अल्पसंख्यकों के नजरिये से बीजेपी के 11 सालों के सत्ता में रहने के बारे में आपका क्या आकलन है?
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पिछले 11 सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत को आगे बढ़ाया है। इसी का पालन करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एजुकेशन, स्किलिंग और एंटरप्रेन्योरशिप के लिए ‘भागीदारी से भाग्योदय’ के मंत्र को अपनाया है। अल्पसंख्यक समुदाय भारत की विकास की कहानी में समान भागीदार है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि हमें जो खास बात है वह यह है कि अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय, हिंदुओं की तुलना में सरकार से ज्यादा फंड और समर्थन मिल रहा है। हिंदुओं को जो मिलता है, वह अल्पसंख्यकों को भी मिलता है। लेकिन अल्पसंख्यकों को जो मिलता है, वह हिंदुओं को नहीं मिलता।
किन योजनाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया है?
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी कुछ खास योजनाओं में पीएमजेवीके शामिल है। इसके तहत पिछले 11 सालों में हेल्थ, एजुकेशन, स्वच्छता और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में कुल 5.63 लाख इन्फ्रास्ट्रक्चर यूनिट को मंजूरी दी गई है। हमने इस योजना के लिए जियो-टैगिंग और डिजिटल इंटीग्रेश का भी इस्तेमाल किया है और 2.35 लाख यूनिट (51%) को जियो-टैग किया गया है। पिछले 11 सालों में इस योजना पर 10,749.65 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 2023 से पीएमजेवीके पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर है।
वक्फ के पास हर राज्य में अभी कितनी प्रॉपर्टी है?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में स्कॉलरशिप में कुल 172 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। इसमें महिलाओं की भागीदारी 182 पर्सेंट हुई है। इस मंत्रालय की सबसे अहम योजना पीएम विकास ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले 11 सालों में 9.25 लाख से ज्यादा लोगों को ट्रेंड और सशक्त बनाया है।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम का पारित होना आपके मंत्रालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी?
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका पारित होना वक्फ मैनेजमेंट, भारत में वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता को दिखाता है। यह कदम केवल कानूनी या प्रशासनिक उपाय ही नहीं है। बल्कि ये मुस्लिम समुदाय खास तौर पर गरीबों, महिलाओं और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार की गहरी और ईमानदार प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। मंत्रालय ने 6 जून को एक उम्मीद सेंट्रल पोर्टल लॉन्च किया। इसका इस्तेमाल देशभर में सभी वक्फ बोर्डों द्वारा किया जाना अनिवार्य है।
अल्पसंख्यकों के बजटीय आवंटन में गिरावट क्यों आई?
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इसमें कटौती नहीं की गई है। फंडिंग की अवधारणा पूरी तरह से बदल गई है। अब केंद्र सरकार 60 पर्सेंट देती है और 40 पर्सेंट राज्य सरकार को देना होता है। पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर के मामले में यह 90:10 है। केंद्र सरकार जो भी मदद दे रही है, उसमें तर्कसंगतता है। पहले जो भी सहायता दी जाती थी, वह जरूरत के हिसाब से दी जाती थी, क्योंकि कमी को पूरा करना होता था। इसके बाद, जो भी मांग होगी, उतनी ही दी जाएगी। ऐसा नहीं है कि बजट में कटौती की गई है। जरूरत को बजटीय आवंटन से पूरा किया जाना है।
मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप को लेकर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे भी इसकी शिकायतें मिली हैं। हम इसकी पूरी तरह से समीक्षा कर रहे हैं। आपको पूरी बात समझनी होगी। माइनोरिटी के लिए एक स्कॉलरशिप है और फिर एससी और एसटी के लिए एक स्कॉलरशिप है। तीन या चार साल पहले फंड का बहुत बड़ा गबन हुआ था। अल्पसंख्यक संस्थानों में हजारों फर्जी नाम जमा किए गए और स्कॉलरशिप के नाम पर पैसे लिए गए। फिर अलग-अलग राज्यों में मामले दर्ज किए गए। मामला अपने आखिरी फेज में है। वक्फ की 58 एकड़ जमीन वापस