गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन और रखरखाव के हस्तांतरण पर पाकिस्तान के राजनयिक के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) ने समन जारी किया है। आपको बता दें कि गुरुद्वारे के रख रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से छीनकर नए संस्थान को सौंपा गया है। खास बात है कि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गए नए संस्थान में एक भी सिख सदस्य नहीं है। अब करतारपुर गुरुद्वारे की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को सौंपी गई है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन और रखरखाव के हस्तांतरण पर विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा सम्मन किए जाने के बाद पाकिस्तान के राजनयिक शाम करीब शाम 5:50 बजे दिल्ली के साउथ ब्लॉक पहुंचे।
दोनों देशों ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा साहिब तक गलियारा खोल लोगों को जोड़ने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि, ‘हमने पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन एवं रखरखाव के काम को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से लेकर एक अन्य ट्रस्ट ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ को देने की खबरें देखी हैं, जो कि सिख निकाय नहीं है।’
क्या है करतारपुर कॉरिडोर: सिखों के पवित्र स्थल में से एक करतारपुर साहिब को गुरुनानक देव का निवास स्थान बताया जाता है। पाकिस्तान में पड़ने वाले इस स्थान पर ही गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांसें ली थीं। पहले सिख श्रद्धालु दूरबीन के जरिए करतारपुर गुरुद्वारे का दर्शन करते थे, लेकिन भारत और पाकिस्तान सरकार ने मिलकर कॉरिडोर बना दिया है।
