भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि सोनिया गांधी ने 2008 में प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के ‘सभी निजी पारिवारिक पत्र और नोट्स’ ले लिए थे। मंत्रालय ने कहा है कि पीएमएमएल उन सभी पत्रों को वापस पाने के लिए सोनिया गांधी के संपर्क में है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि ये दस्तावेज उनके पास हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर सहयोग करने का वादा किया है।

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि सोनिया गांधी ने पीएमएमएल को भरोसा दिया है कि वह नेहरू के निजी कागजात सौंपने की प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगी।

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दरअसल, यह पहली बार है जब सोनिया गांधी ने पीएमएमएल के उस पत्र का जवाब दिया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि इन दस्तावेजों का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने 2008 में ले लिया था। सोनिया गांधी ने कहा है कि उनका स्टाफ इस मामले की जांच करेगा।

शेखावत ने दिया जयराम रमेश को जवाब

इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को X पर कहा था कि सरकार को दस्तावेजों के गुम होने के दावे के लिए माफी मांगनी चाहिए। गजेंद्र शेखावत ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि आपके लिए सोनिया गांधी से अपने वादे का सम्मान करने और इन दस्तावेजों को पीएमएमएल को लौटाने का आग्रह करना ज्यादा ठीक होगा।

संस्कृति मंत्रालय के तहत काम करने वाले पीएमएमएल ने इस साल सोनिया गांधी को दो बार पत्र लिखकर इन दस्तावेजों और नेहरू से जुड़ी चिट्ठियों की जानकारी मांगी थी।

मंत्रालय ने X पर लिखा, “29.04.2008 को सोनिया गांधी के प्रतिनिधि एम. वी. राजन ने पत्र लिखा कि गांधी ‘पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सभी निजी पारिवारिक पत्र और नोट्स’ वापस लेना चाहती हैं।” इसके बाद 51 कार्टन में भरे नेहरू के दस्तावेज 2008 में सोनिया गांधी को भेजे गए।

मंत्रालय ने कहा है कि ये दस्तावेज भारत के पहले प्रधानमंत्री से संबंधित हैं और देश की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा हैं, न कि किसी की निजी संपत्ति। इनका पीएमएमएल में होना और जनता व शोधकर्ताओं तक इसकी पहुंच होना बेहद जरूरी है।

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पीएमएमएल के रिकॉर्ड के मुताबिक, इन पत्रों में जवाहरलाल नेहरू और जयप्रकाश नारायण, एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली, विजया लक्ष्मी पंडित और जगजीवन राम के बीच आदान-प्रदान किए गए पत्र शामिल हैं।

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