मध्य प्रदेश में 17 सितंबर से मध्यान भोजन में बच्चों को अंडे नहीं दिये जाएंगे। बच्चों को अब अंडे की जगह दूध परोसा जाएगा। राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कुछ दिन पहले कहा था कि कुपोषण को हराने के लिए बच्चों को अंडे दिये जाएगे। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सिंधिया समर्थक मंत्री की बात को काटते हुए मध्यान भोजन में बच्चों को दूध देने की घोषणा की है।

शिवराज ने कहा कि उनकी सरकार मध्याह्न भोजन के दौरान आंगनवाड़ियों में अंडे वितरित नहीं करेगी। इसके बजाय, बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में दूध दिया जाएगा। गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले इमरती देवी ने घोषणा की थी कि कुपोषण को मिटाने के लिए मिड-डे मील में जो बच्चे अंडा खाते हैं उन्हें अंडा दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान एक मंत्री के रूप में, मैंने आंगनवाड़ियों में बच्चों को अंडे परोसने की घोषणा की थी। मैं अपने फैसले पर अडिग हूं और अब मैं फिर कहती हूं कि जो लोग अंडे खाते हैं, उन्हें अंडे दिए जाएंगे और जो नहीं खाते उन्हें फल दिए जाएंगे।

एमपी में एक से चार साल के आयु वर्ग के 54 प्रतिशत बच्चे एनीमिक हैं, प्रदेश में 13 प्रतिशत बच्चे मधुमेह के शिकार हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 10 प्रतिशत है। एमपी में 5 वर्ष तक की आयु के लगभग 43% बच्चे कम वजन के हैं, फिर भी राज्य सरकार ने तय किया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडे नहीं दिये जाएंगे।

अब मंत्री इमरती देवी का कहना है कि जब सीएम साहब ने कहा दूध अच्छा है तो हम बच्चों को दूध ही देंगे। हमने पहले ही कहा था कि सीएम साहब और डॉक्टर जो कहेंगे वो देंगे। इमरती ने कहा कि बच्चों को ताजा दूध मिले इसके लिए बेहतर योजना बनाएंगे।