भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना को कानून और न्याय मंत्रालय ने चिट्ठी लिखकर उनके उत्तराधिकारी के लिए नाम का सुझाव मांगा है। बुधवार (3 अगस्त, 2022) को मंत्रालय ने सीजेआई से अनुरोध किया कि उनके बाद कौन सीजेआई बनेगा, इसके लिए नाम का सुझाव दें।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना का कार्यकाल 26 अगस्त को पूरा हो रहा है। परंपरा के अनुसार, सीजेआई के उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करनी होती है। न्यायमूर्ति यूयू ललित वरिष्ठता में रमना के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
परंपरागत रूप से कानून मंत्रालय वर्तमान के सीजेआई को एक महीने पहले पत्र लिखकर सुझाव मांगता है और सेवानिवृत्त होने से 30 दिन पहले मंत्रालय को सिफारिश भेजी जाती है। सीजेआई के लिए नाम की सिफारिश करने के लिए कानून मंत्रालय की तरफ से सीजेआई एनवी रमना को पत्र भेजने में देरी हो गई। इसके बाद तनाव के माहौल में जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की बैठक हुई।
बता दें कि नए सीजेआई 27 अगस्त को शपथ लेंगे और वो देश के 49वें सीजेआई होंगे। यदि न्यायमूर्ति ललित मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होते हैं, तो उनका कार्यकाल तीन महीने से कम का होगा और 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
अगर वो सीजेआई बनते हैं तो वो उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल होंगी। जस्टिस बनर्जी 23 सितंबर को सेवानिवृत्त होने के साथ ही जस्टिस केएम जोसेफ कॉलेजियम में शामिल हो जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बुधवार को हुई बैठक में एक बार फिर से जजों की नियुक्ति पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। अब तय हुआ कि नए सीजेआई ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति का फैसला करेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार को हुई बैठक में भविष्य की नियुक्तियों के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया।
