केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के बाद मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के लिए गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के तहत मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को शुरुआती हफ्ते में बतौर ट्रायल या टेस्ट के तौर पर शुरु करने को कहा गया है और फिर धीरे-धीरे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन्स में कहा गया है कि ‘यूनिट फिर से शुरु करने के बाद पहले हफ्ते को ट्रायल समझें। इस दौरान सभी की सुरक्षा और प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए और उच्च उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश ना की जाए।’
केमिकल लीकेज से सुरक्षा और ट्रांसपोर्टेशन की विशेष निगरानीः गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स में इस बात का भी जिक्र है कि कई हफ्तों के लॉकडाउन के कारण मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज की फैसिलिटीज, पाइपलाइन और वाल्व आदि से खतरनाक केमिकल्स का रिसाव हो सकता है, जिससे वहां काम शुरू करने वाले कर्मचारियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए इंडस्ट्रीज से गाइडलाइन्स ऑन केमिकल डिजास्टर्स, 2007, गाइडलाइन्स ऑन मैनेजमेंट ऑफ केमिकल्स डिजास्टर्स,2009 और केमिकल टैंकर्स की ट्रांसपोर्टेशन की सुरक्षा को मजबूती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि हाल ही में विशाखापत्तनम में भी एलजी पॉलीमर की एक कंपनी से खतरनाक गैस का रिसाव हो गया था, जिससे 11 लोगों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। बताया गया था कि लॉकडाउन के चलते कंपनी बंद थी और देखभाल ना होने के चलते यह हादसा हुआ। यही वजह है कि गृह मंत्रालय ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में कर्मचारियों की सुरक्षा का खास ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का भी रखा जाए ध्यानः इसके साथ ही कहा गया है कि कर्मचारियों के काम शुरू करने से पहले मशीनों और औजारों को सैनेटाइज किया जाए। मशीनों में किसी भी तरह की गड़बड़ी पर विशेष ध्यान दिया जाए और उनकी मैंटिनेंस की जाए। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को शुरू करने के तुरंत बाद सभी की निगरानी की जाए और सेफ्टी प्रोटोकॉल्स का ध्यान रखा जाए।
Ministry of Home Affairs (MHA) issues guidelines for restarting manufacturing industries after lockdown. “While restarting the unit, consider the first week as the trial or test run period; ensure all safety & protocols, & don’t try to achieve high production targets”, says MHA. pic.twitter.com/WC1l55LkVx
— ANI (@ANI) May 10, 2020
गाइडलाइन्स के मुताबिक फैक्ट्रियों में हर दिन दो-तीन घंटे के अंतराल पर सैनेटाइजेशन किया जाना चाहिए। फैक्ट्रियों के गेट पर ही कर्मचारियों का तापमान मापा जाना चाहिए और जिस भी कर्मचारी में बीमारी के लक्षण दिखें, उसे काम करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
बता दें कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी आज सुबह 11 बजे सभी राज्यों को मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में लॉकडाउन में ढील देने संबंधी कदमों और कोरोना के हॉटस्पॉट कंटेनमेंट जोन्स में सख्ती करने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।