पुणे सिटी पुलिस ने हाल ही में अब तक के सबसे बड़े ड्रग भंडाफोड़ में लगभग 1700 किलोग्राम मेफेड्रोन (Mephedrone) जब्त किया है। क्राइम ब्रांच ने दौंड तालुका में एक केमिकल फैक्ट्री,पुणे के विश्रांतवाड़ी में दो गोदामों और साउथ एक्सटेंशन में कुछ दुकानों पर छापे मारे। इस दौरान 3000 करोड़ रुपये का लगभग 1,700 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया गया। पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने पुष्टि की कि मंगलवार देर रात तक कुल जब्ती लगभग 1700 किलोग्राम थी, जिसका अनुमानित मूल्य 3,000 करोड़ रुपये है। युवाओं में काफी लोकप्रिय मेफेड्रोन ड्रग को Meow- Meow ड्रग या व्हाइट ड्रग के नाम से भी जानते हैं। आइये जानते हैं दुनिया के कई देशों में बैन इस ड्रग के भारत में लोकप्रिय होने के क्या कारण हैं?
Meow- Meow ड्रग क्या है?
म्याऊं-म्याऊं इसका प्रचलित नाम है लेकिन स्मगलर्स कोड नेम के तौर पर भी इस नाम का इस्तेमाल करते हैं। वैसे इसका असली नाम है मेफेड्रोन (Mephedrone) इसको ड्रोन, MCAT, व्हाइट मैजिक, पार्टी ड्रग और बबल जैसे नामों से भी जाना जाता है। नशे के मामले में यह कोकीन और हेरोइन के बराबर है लेकिन दाम में इनसे सस्ता। यह एक कृत्रिम रूप से निर्मित ड्रग है जिसका प्रभाव एमडीएमए और कोकीन के बराबर होता है। मेफेड्रोन पदार्थ का वैज्ञानिक नाम है।
भारत और चीन में इसे पौधों के लिए सिंथेटिक खाद के तौर पर बनाया जाता है लेकिन बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर भी किया जाता है। 2010 की शुरुआत तक ‘म्याऊं-म्याऊं’ को भारत में NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल नहीं किया गया था लेकिन फिर देशभर से बड़ी मात्रा में इसकी जब्ती होने लगी। मुंबई से सबसे ज्यादा मामले आए जिसके बाद मार्च 2015 में महाराष्ट्र सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने इसे प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल कर दिया।
मांग बढ़ने से बढ़ गयी कीमत
यह दिखने में बहुत महीन सफेद पाउडर, मटमैला सफेद या पीलापन लिए हुए होता है। इसे निगला जा सकता है, इंजेक्ट किया जा सकता है या सूंघा जा सकता है। यह ड्रग गोलियों, कैप्सूल या पाउडर के फॉर्म में आता है। अधिकांश लोग इसे सूंघकर लेना पसंद करते हैं।
जांचकर्ताओं का कहना है कि पिछले तीन-चार सालों में मेफेड्रोन के एक ग्राम की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है। इंडियन एक्स्प्रेस की खबर के मुताबिक, Meow- Meow का अवैध बाज़ार भी 2021 में 9000 रुपये से बढ़कर 2022 में 15,000 रुपये और वर्तमान में 20,000 रुपये (2 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम) के करीब है, जो मांग में वृद्धि का संकेत देता है। हालांकि, ये कीमतें उत्पाद की क्वालिटी के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं।

इस तरह बढ़ी Meow- Meow की कीमत
म्याऊं-म्याऊं की लोकप्रियता 2007 में आसमान छू गई, जब यह इंटरनेट पर बिक्री के लिए दिखाई देने लगी। 2010 में यूनाइटेड किंगडम में प्रतिबंधित होने तक यह दवा पूरे यूरोप में खूब फली-फूली। ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) ने संयुक्त राज्य अमेरिका में पहुंचने के लगभग दो साल बाद, 2011 में पहली बार मेफेड्रोन को एक मुद्दे के रूप में पहचाना क्योंकि यह सस्ता था और इसे ऑनलाइन खरीदना आसान था।
डीईए के अनुसार, मेफेड्रोन को नवंबर 2011 में संयुक्त राज्य अमेरिका में शेड्यूल 1 दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया था। यह इंटरनेट पर और धूम्रपान की दुकानों, सुविधा स्टोरों जैसी जगहों पर आसानी से बेची जा रही थी।
भारत में क्यों है मेफेड्रोन लोकप्रिय?
इसकी कम लागत और आसानी से उपलब्धता के कारण म्याऊं-म्याऊं भारतीय बाजार में भी लोकप्रिय है। मुंबई के डिप्टी कमिश्नर धनंजय कुलकर्णी का कहना है, “इसकी कीमत लगभग 1000 से 1500 रुपये प्रति ग्राम है जबकि कोकीन की कीमत इससे लगभग छह गुना है। धारावी या सिद्धार्थ नगर जैसी बड़ी झुग्गियों में गरीब किशोर इससे लती हैं।” विशेषज्ञों के मुताबिक, मुंबई में नशा करने वाले 80 फीसदी लोग म्याऊं-म्याऊं के आदी हैं।
जब आप नियमित रूप से मेफेड्रोन का सेवन करते हैं तो आपके शरीर में क्या होता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, मेफेड्रोन अत्यधिक एडिक्टिव ड्रग है। उनके अनुसार, अधिकांश युवा मेफेड्रोन के आदी हैं क्योंकि यह उनकी एनर्जी लेवल को बढ़ाता है और उन्हें लंबे समय तक रोमांचित और प्रसन्न महसूस कराता है। मेफेड्रोन ड्रग के बार-बार इस्तेमाल से आप अलर्ट, उत्साही और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं। इस ड्रग के सेवन के बाद लेने वाला शख्स अत्यधिक संवेदनशील और अपने आस-पास के लोगों के प्रति स्नेहपूर्ण व्यवहार करता है।
Meow-Meow के साइड इफेक्ट
हार्ट रेट में वृद्धि और हाई ब्लड प्रेशर, दौरे पड़ना, चिंता और व्याकुलता, धुंधला दिखना और मांसपेशियों में तनाव, अनियमित हार्ट रेट, चक्कर आना और अत्यधिक पसीना आना, सीने में दर्द, शरीर में कंपन होना, बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होना, पेट में दर्द, मिचली महसूस होना, उल्टी होना, भूख में कमी होना, दांत पीसना। Meow-Meow के मनोवैज्ञानिक प्रभावों में बुरे सपने आना, मनोविकृति, नींद न आने की समस्या, चिड़चिड़ापन और तनाव शामिल है।