देश में “जय श्रीराम” को लेकर राजनीतिक छिटाकशी का दौर जारी है। अब इसमें प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नोबेले पुरस्कार के सम्मानित अमर्त्य सेन ने भी अपने बयान से माहौल को गर्मा दिया है। अमर्त्य सेन के “जय श्रीराम” विवाद में कूदने पर मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने निशाना साधा है। रॉय ने नसीहत देते हुए कहा कि सेन को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है और उन्हें अपने विषय तक ही सीमित रहना चाहिए। गौरतलब है कि अमर्त्य सेन ने कहा था कि देश में लोगों को पीटने के लिए “जय श्रीराम” का इस्तेमाल किया जा रहा है और इस नारे का बंगाली संस्कृति से कुछ भी लेना-देना नहीं है।

कोलकाता में जब मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय से अमर्त्य सेन के बयान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “क्या रामराजातला और सीरामपुर पश्चिम बंगाल में या कहीं और? हम जब कभी भी भूतों से डरते हैं तो ‘राम-राम’ नहीं कहते हैं? उन्होंने (अमर्त्य सेन) अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार हासिल किया है। उन्हें अपने विषय तक ही सीमित रहना चाहिए।”

गौरतलब है कि अमर्त्य सेन ने जाधवपुर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को जय श्रीराम पर अपना नज़रिया पेश किया था। उन्होंने कहा था कि “मां दुर्गा” की तरह “जय श्रीराम” बंगाली संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा है। यह आज के परिवेश में लोगों को पीटने के लिए अमल में लाया जा रहा है। इस दौरान दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में पहले कभी भी ‘राम नवमी’ का त्योहार मनाते नहीं सुना था। लेकिन, अब यह ख्याति हासिल कर रहा है।