केन्द्र सरकार ने आतंकी मसूद अजहर के मुद्दे पर चीन को खरी-खरी सुनाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने चीन को साफ संदेश देते हुए कहा है कि ‘आतंक पर चुन-चुन कर कार्रवाई नहीं कर सकते।’ उन्होंने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर कार्रवाई की बात कही है। नवाज शरीफ के भाषण पर स्वरूप ने कहा कि ”पाकिस्तान ने खुद का फिर से पर्दाफाश किया है। बुरहान एक आतंकी था, हिजबुल के कमांडर को यूथ लीडर मानेंगे तो और क्या संदेश जाएगा। शरीफ साहब को जवाब यूएन में सुषमा स्वराज ने ही दे दिया था। विश्व समुदाय पाकिस्तान के आधारहीन प्रॉपेगेंडा पर नहीं जा रहा है। बार-बार झूठ बोलने से वह सच में नहीं बदल जाता।” चीन के साथ नदियों को लेकर विवाद पर स्वरूप ने कहा, ”ब्रह्मपुत्र पर चीन के साथ हमारा समझौता है। हमारे अधिकारी मिलते रहते हैं, सूचनाएं शेयर करते हैं। ब्रह्मपुत्र और सतलज पर हमने चीनी अधिकारियों को बताया है कि इन नदियों पर कोई भी प्रोजेक्ट बनाते वक्त हमारे हितों का ध्यान जरूर रखें।”
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सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली में सुधार की भारतीय मांग पर स्वरूप ने कहा, ”अगर सुरक्षा परिषद ठीक से काम कर रही होती तो हम सुधारों की बात क्यों करते। यह अभी भी 1945 के ढांचे और सिद्धांतों पर काम कर रही है, न कि 21वीं सदी के।” डॉन में छपे लेख पर प्रतिक्रिया के सवाल पर स्वरूप ने कहा कि ”मैं मीडिया लेखों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। आज कौन सा देश अलग-थलग खड़ा है। सार्क की इस्लामाबद बैठक को लेकर बाकी देशों ने जो प्रतिक्रिया दी, उससे सब साफ है।” उरी हमले के बाद सार्क देशों के व्यवहार और प्रतिक्रिया की बात करते हुए स्वरूप ने कहा, ”आतंकवाद का मुकाबला करना सार्क के एजेंडे का हिस्सा है। कभी-कभी हम सिर्फ बातें करती हैं, कुछ करते नहीं। लेकिन इस बार देशों ने नेपाल को लिखा है कि एक देश दूसरे देश के आतंरिक मामलों में दखल दे रहा है, मेरे ख्याल से यह काफी महत्वपूर्ण है।”
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कुख्यात आतंकी हाफिज सईद के पाकिस्तान में खुलेआम घूमते नजर आने पर उन्होंने कहा, ”डिफेंस ऑफ पाकिस्तान कमेटी खुलेआम अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आतंकवादियों से मिलती है। यह पाकिस्तान की सरकार पर है कि वह अपने क्षेत्र का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न होने दे।” विदेश मंत्री ने इराक में अपहृत 39 लोगों के परिजनों से भी मुलाकात की। सुषमा ने परिजनों को बताया कि उनके जीवित या मृत होने की कोई पुष्टि नहीं है। हमारे पास जानकारी है कि वे जिंदा है और काम पर लगा दिए गए हैं। हम उन्हें निकालने की पूरी चेष्टा कर रहे हैं।

