आजकल देशभर में #MeToo कैंपेन चर्चा का विषय बना हुआ है। कई महिलाओं ने #MeToo कैंपेन के जरिए अपने साथ हुए शोषण की घटनाओं का खुलासा किया है। जिसके चलते कई राजनेता, अभिनेताओं समेत कई सेलेब्रिटी सवालों के घेरे में हैं। हालांकि कुछ महिलाओं द्वारा ही इस कैंपेन की सच्चाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब भाजपा नेता और मध्य प्रदेश में भाजपा की महिला विंग की प्रमुख लता केलकर ने मी टू अभियान पर केन्द्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर का बचाव किया है। एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए लता केलकर ने कहा कि ‘जहां तक मैंने अखबारों में पढ़ा है कि जिनके साथ ये हुआ है वो पत्रकार हैं और वह पत्रकार बहनों को इतना मासूम नहीं मानती कि कोई उनका गलत इस्तेमाल कर ले।’

लता केलकर ने हालांकि मी टू कैंपेन का समर्थन किया और कहा कि ‘वह मी टू कैंपेन का स्वागत करती हैं और महिलाएं अपने साथ हुए जुल्म को, जो कि उनकी समझ में आज जुल्म हो गया है, उसे कह सकती है। क्योंकि कहना अभी हमारे लिए यह प्राथमिकता है कि महिलाएं अपनी बात कहें।’ बता दें कि केन्द्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर, जो कि पूर्व में मशहूर संपादक रहे हैं, उन पर 9 महिला पत्रकारों ने छेड़छाड़ और यौन दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद से एमजे अकबर आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं। महिला पत्रकारों ने मी टू कैंपेन के तहत खुलासा करते हुए बताया कि एमजे अकबर ने संपादक के पद पर रहते हुए किस तरह से उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया। कुछ पत्रकारों ने एमजे अकबर पर, संपादक रहते हुए, उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाने और उनके साथ अश्लील बातें करने का आरोप भी लगाया है।

एमजे अकबर के खिलाफ लगे आरोपों के बाद उन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने एमजे अकबर के इस्तीफे की मांग की है। एमजे अकबर अभी विदेश दौरे पर हैं। खबरें आ रही हैं कि विदेश दौरे से लौटने के बाद वह सरकार के सामने अपना पक्ष रखेंगे और उसके बाद ही सरकार कोई फैसला करेगी। उल्लेखनीय है कि भारत में मी टू कैंपेन की शुरुआत फिल्म अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर के खिलाफ लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों से हुई थी। इसके बाद से कई महिलाएं अपने साथ हुई छेड़छाड़ की घटनाओं का खुलासा कर चुकी हैं। जिनमें अभिनेता आलोक नाथ, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, साजिद खान, सुहेल सेठ आदि पर भी छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं।