महिलाओं के खिलाफ अपराधों को उजागर करने के तहत चलाए जा रहे ऑनलाइन आंदोलन #MeToo में घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने एक महिला पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मानहानी का मुकदमा ठोका है। मीडिया रिपोर्ट्स में अकबर की ओर से 97 वकीलों की फौज उतारे जाने की बात कही जा रही है। करंजावाला एंड कंपनी लॉ फर्म एमजे अकबर का महिला पत्रकार केस प्रिया रमानी के खिलाफ लड़ रही है। फर्म के वकालतनामा में 97 वकीलों नाम दर्ज हैं लेकिन बताया गया है कि उनमें से केवल 6 वकील अकबर का केस लड़ेंगे। बता दें कि अकबर ने सोमवार (15 अक्टूबर) को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया। रमानी ने मंत्री पर देश में चल रहे ‘मी टू’ अभियान के बीच यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अकबर पर उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अकबर ने महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न तब किए थे, जब वह संपादक हुआ करते थे। अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधारा बताया है। अकबर ने अपने मुकदमे में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके खिलाफ झूठी कहानी का प्रसार प्रायोजित तरीके और एक एजेंडे को पूरा करने के लिए किया गया।
करीब दर्जन भर महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, जिसके कारण विदेश राज्यमंत्री को पद से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। आरोपों का जवाब देते हुए अकबर ने दावा किया कि मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित झूठे और अपमानजनक बयानों ने उनकी साख को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। अकबर ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। अकबर ने आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की है।
रमानी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पूरी तरह से झूठे और ओछे बयान द्वारा जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक अकबर को बदनाम किया है, जिसने राजनीतिक गलियारे, मीडिया, दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और समाज में व्यापक रूप से उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है।
अर्जी में कहा गया है, “आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ लगाए गए अपमानजनक आरोप प्रथमदृष्टया अपमान सूचक हैं और इन्होंने न केवल शिकायतकर्ता की उनके समाज और राजीतिक गलियारे में बरसों की मेहनत और मशक्कत के बाद अर्जित की गई उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि समुदाय, दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों में उनके निजी सम्मान को भी प्रभावित किया है। इससे उन्हें अपूरणीय क्षति और अत्यधिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है।”
