फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि भारत जैसे देशों में आगामी चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक सुरक्षा सुविधाओं में इजाफा कर रहा है। उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान से जुड़ी ब्रिटेन की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों के दुरुपयोग मामले में फेसबुक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जुकरबर्ग ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “खबरों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश और चुनावों को प्रभावित करने वाले फर्जी फेसबुक खातों की पहचान करने के लिए फेसबुक ने कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित उपकरण लगाया है। इस तरह के उपकरण का प्रयोग पहली बार 2017 में फ्रांस के चुनाव में किया गया था।
उन्होंने कहा, “नए एआई उपकरण को हमने 2016 चुनावों के बाद बनाया और पाया कि 30,000 से अधिक फर्जी खाते हैं जो रूसी सूत्रों से जुड़े हैं और वे उसी रणनीति के तहत काम करने की कोशिश कर रहे थे, जैसा उन्होंने अमेरिका में 2016 के चुनाव में किया गया था। हम इन फर्जी खातों को हटाने में कामयाब हुए हैं। जुकरबर्ग ने कहा, “पिछले साल अलबामा में हमने फर्जी खातों और गलत खबरों की पहचान के लिए कुछ नए एआई उपकरण पेश किए थे और हमें बड़ी संख्या में मैसेडोनिया खातों का पता चला, जो फर्जी खबरें फैला रहे थे। हमने उन्हें बंद कर दिया।” उन्होंने कहा, “मैं बेहतर प्रणाली के बारे में विचार कर रहा हूं। ऐसे समय में मेरा मानना है कि रूस और अन्य सरकारें जो भी काम करती हैं, उसे और परिष्कृत तरीके से करने जा रही हैं। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएं।”
जुकरबर्ग ने कहा, “हमारा ध्यान केवल अमेरिकी चुनाव तक नहीं है। भारत और ब्राजील में होने वाले चुनावों और इस साल होने वाले अन्य चुनावों पर भी है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूस जैसे देशों के चुनाव में हस्तक्षेप को कठिन बनाने के लिए फेसबुक को बहुत काम करने की जरूरत है, ताकि ट्रोल और अन्य लोग फर्जी खबरें नहीं फैला सकें। उल्लेखनीय है कि बुधवार को भारत ने फेसबुक को चेताया था कि अगर उसके द्वारा अवांछित साधनों के माध्यम से देश की चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जुकरबर्ग को समन किया जाएगा।