114 साल की उम्र में भी युवकों की तरह दौड़ लगाने वाले मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह की सड़क हादसे में मौत के मामले में पुलिस ने 30 घंटे के अंदर बड़ी कार्रवाई की है। हादसा सोमवार को जालंधर जिले के ब्यास गांव में हुआ था। पुलिस ने एक एनआरआई युवक अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया है। हादसे के वक्त वो फॉर्च्यूनर गाड़ी चला रहा था और टक्कर मारने के बाद भाग गया था।

क्या हुआ था हादसे के दिन?

फौजा सिंह रोज की तरह ब्यास गांव में सुबह टहलने निकले थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार SUV ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और बिना रुके भाग गई। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन फौजा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।

फौजा सिंह को लोग “पगड़ीधारी बवंडर” कहकर पुकारते थे। वो पूरी दुनिया में मशहूर थे और 100 साल की उम्र में भी उन्होंने कई इंटरनेशनल मैराथन पूरी की थीं। उनके निधन की खबर से खेल जगत और आम लोग दुखी हैं।

पुलिस ने कैसे पकड़ा आरोपी?

पुलिस ने हादसे के बाद इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और कुछ चश्मदीदों से भी बात की। इससे एक फॉर्च्यूनर SUV पर शक हुआ। जांच में पता चला कि गाड़ी कपूरथला के वरिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है। जब पुलिस ने वरिंदर से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसने यह गाड़ी दो साल पहले एक एनआरआई युवक अमृतपाल सिंह ढिल्लों को बेच दी थी, जो हाल ही में कनाडा से भारत लौटा है।

फौजा सिंह कौन थे, जिनका 114 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना में हुआ निधन? अविश्वसनीय सफर के दौरान झेली कईं त्रासदियां, लेकिन डटे रहे

इसके बाद पुलिस की टीम ने जालंधर के दसूपुर गांव में छापा मारा और मंगलवार देर रात ढिल्लों को हिरासत में ले लिया। उसे पूछताछ के लिए भोगपुर थाने लाया गया, जहां उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि हादसे के वक्त गाड़ी वही चला रहा था।

प्रारंभिक पूछताछ में ढिल्लों ने बताया कि वो मुकेरियां से अपना पुराना मोबाइल बेचकर लौट रहा था, तभी रास्ते में ब्यास के पास ये हादसा हो गया। उसने कहा कि टक्कर के वक्त उसे नहीं पता था कि गाड़ी किससे टकराई है। बाद में जब खबरों में फौजा सिंह की मौत की जानकारी मिली, तो उसे अहसास हुआ कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी है। ढिल्लों ने यह भी बताया कि उसकी मां और बहनें कनाडा में रहती हैं और वह कुछ दिनों के लिए ही भारत आया था।