सोशल मीडिया पर बीते दिन एक तस्वीर काफी वायरल हुई और इसमें कांग्रेस की ओर से यह दावा किया गया कि केंद्रीय शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हुई क्योंकि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। ऐसे में खट्टर जैसे बड़े नेता के भतीजे का कांग्रेस में शामिल हो जाने का दावा बड़ा था। लेकिन रमित खट्टर ने इस तरह की खबरों को खारिज किया है कि वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
रमित खट्टर ने कहा है कि वह बीजेपी और अपने चाचा मनोहर लाल खट्टर के साथ हैं।
रमित खट्टर की यह तस्वीर रोहतक विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण बत्रा के साथ वायरल हुई थी। भारत भूषण बत्रा गुरुवार को चुनाव प्रचार कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने कहा था कि रमित कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। सामने आए वीडियो और तस्वीरों में रमित खट्टर भारत भूषण बत्रा और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ दिखाई दिए थे।
लेकिन कुछ ही घंटे बाद रमित खट्टर रोहतक सीट से बीजेपी के उम्मीदवार मनीष ग्रोवर के साथ एक चुनावी कार्यक्रम में दिखाई दिए। जब रमित खट्टर से यह पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं तो उन्होंने कहा कि वह भारत भूषण बत्रा से मिलने और चाय पीने के लिए वहां गए थे।
पीटीआई के मुताबिक, रमित ने कहा है कि सभी लोग वहां खड़े थे और उन्होंने मेरे ऊपर कपड़ा डालकर एक फोटो खींच ली और इसे वायरल कर दिया। रमित खट्टर ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के और मनोहर लाल जी के साथ हूं। रमित ने कहा कि भारत भूषण बत्रा का यह दावा गलत है कि वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा की 90 सीटों के लिए वोटिंग होगी और 8 अक्टूबर को मतों की गिनती के बाद चुनाव नतीजे आएंगे।
साढ़े नौ साल तक सीएम रहे खट्टर
बताना होगा कि साल 2014 में जब पहली बार हरियाणा में बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी तो मनोहर लाल खट्टर को ही मुख्यमंत्री बनाया था।
2019 में दूसरी बार सरकार बनने पर भी मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने। इस साल मार्च में बीजेपी ने खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी। इस तरह मनोहर लाल खट्टर साढ़े नौ साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
मनोहर लाल खट्टर को पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में करनाल की सीट से चुनाव लड़ाया जहां से उन्होंने बड़े अंतर के साथ जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने खट्टर की पसंद का ध्यान रखा है और कई उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं।