गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि हिंसा और हथियार के बल पर किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि देश में अभी भी कई लोग हथियार के बल पर समस्या का समाधान नहीं निकल सकता। इसलिए मैं चाहता हूं कि ऐसे लोगों से मैं अपील करता हूं कि लोग वापस आ जाए।

उन्होंने कहा कि हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है। क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती। पीएम मोदी ने कहा कि दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह कायम है कि , हम कुछ करके रहेंगे। हम कुछ कर के रहेंगे का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है।

देशवासियों को यह जानकर बहुत प्रसन्नता होगी कि पूर्वोत्तर में अलगाववाद बहुत कम हुआ है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है। विश्व, भारत से जो अपेक्षा करता है, उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का सामर्थ्य, भारत प्राप्त करके रहेगा , इस विश्वास के साथ आइये- नए दशक की शुरुआत करते हैं और नए संकल्पों के साथ मां भारती के लिए जुट जाते हैं ।

पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 में हमारी आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं और उस मौके पर हमें गगनयान मिशन के साथ एक भारतवासी को अंतरिक्ष में ले जाने के अपने संकल्प को सिद्ध करना है।प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा, ‘‘गणतंत्र-दिवस के पावन अवसर पर मुझे ‘गगनयान’ के बारे में बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है।

देश, उस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ चला है।’’ मोदी ने कहा कि ‘गगनयान मिशन’, 21वीं सदी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा। नए भारत के लिए, ये एक ‘मील का पत्थर’ साबित होगा।  उन्होंने कहा, ‘‘ इस मिशन में अंतरिक्ष यात्री के लिए 4 उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है। ये चारों युवा भारतीय वायु-सेना के पायलट हैं।  ये होनहार युवा, भारत के कौशल, प्रतिभा, क्षमता, साहस और सपनों के प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे चारों पायलट अगले कुछ ही दिनों में प्रशिक्षण के लिए रूस जाने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है, कि ये भारत और रूस के बीच मैत्री और सहयोग का एक और सुनहरा अध्याय बनेगा। इन्हें एक साल से अधिक समय तक प्रशिक्षण दिया जायेगा।’’ मोदी ने कहा कि इसके बाद देश की आशाओं और आकांक्षाओं की उड़ान को अंतरिक्ष तक ले जाने का दारोमदार, इन्हीं में से किसी एक पर होगा।

(भाषा इनपुट्स के साथ)