प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 नवंबर) को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 50वां एपिसोड किया। उन्होंने इसमें मन की बात शुरू करने के आइडिया से जुड़ा रोचक किस्सा सुनाया। पीएम आगे बोले, “मैं देशभर में सकारात्मकता फैलाना चाहता था। मैंने तय किया कि इसमें न तो राजनीति हो और न ही सरकार की वाहवाही। मोदी तो आएगा और जाएगा। पर ये देश अटल रहेगा, जबकि हमारी संस्कृति अमर रहेगी। 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी, जो देश को नई ऊंचाइयों के साथ ऊपर ले जाएंगी।”
मोदी आगे बोले, “मन की बात सरकारी बात नहीं है – यह समाज की बात है। भारत का मूल-प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है, बल्कि देश का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज-शक्ति है। हमें लगता है आज के युवा बहुत महत्वाकांशी हैं। वे बहुत बड़ी-बड़ी चीजें सोचते हैं। अच्छी बात है कि वे बड़े सपने देखें और बड़ी सफलताओं को हासिल करें। आखिर, यही तो न्यू इंडिया है।” सुनें, मन की बात के 50वें एपिसोड में और क्या बोले PM-
We complete 50 episodes of sharing happiness. Tune in to today’s #MannKiBaat50. https://t.co/qXnj0K4jl5
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2018
Highlights
पीएम बोले, "वो परमाणु परीक्षण का दिन था और मीडिया के सामने आकर के घोषणा की थी और इसने ये घोषणा रेडियो पर सुनी थी और नाच रहा था...। मुझे बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि इस जंगल के सुनसान इलाके में, बर्फीली पहाड़ियों के बीच, एक सामान्य इंसान जो चाय का ठेला लेकर के अपना काम कर रहा है और दिन-भर रेडियो सुनता रहता होगा और उस रेडियो की खबर का उसके मन पर इतना असर था, इतना प्रभाव था। और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गई थी कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है।"
बकौल मोदी, "मैं भी हैरान हो गया तो मैंने पूछा क्या बात है कोई घर में कोई शादी-वादी कोई प्रसंग-वसंग है क्या! उसने कहा नहीं-नहीं भाई साहब, आपको मालूम नहीं क्या? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है वो ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ! अरे बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया है। मैंने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है! मैं कुछ समझा नहीं! उसने कहा- देखिये साहब, रेडियो सुनिए। रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी। उसने कहा उस समय हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने।"
उनके मुताबिक, "हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठण्ड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिये रुका और जब मैं चाय के लिए ऑर्डर किया तो उसके पहले, वो बहुत छोटा सा ढाबा था, एक ही व्यक्ति खुद चाय बनाता था, बेचता था। ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही सड़क किनारे छोटा सा ठेला लगा के खड़ा था। सने अपने पास एक शीशे का बर्तन था, उसमें से लड्डू निकाला, पहले बोला– साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए। मुंह मीठा कीजिये।"
पीएम ने शुरुआत में रोचक किस्सा सुनाते हुए बताया कि उन्हें इसका आइडिया कहां से आया था। वह बोले, "मन की बात तीन अक्टूबर, 2014 को शुरू हुआ था और आज हम इसके गोल्डन जुबली एपिसोड पर आ पहुंचे हैं। ढेर सारे लोग इसके पीछे के आइडिया को जानना चाहते हैं कि यह आखिर कैसे शुरू हुआ। ये 1998 की बात है, मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था। मई का महीना था और मैं शाम के समय यात्रा करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था।"
पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप पर सुना जा सकता है। मन की बात इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), सूचना और प्रसारण मंत्रालय और ऑल इंडिया रेडियो के यूट्यूब चैनलों पर भी सुनी जा सकती है। यह कार्यक्रम हिंदी में प्रसारण के बाद अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारित होगा। इससे पहले, पीएम ने 28 अक्टूबर को मन की बात की थी, जिसमें उन्होंने देश के पहले गृह मंत्री व लौहपुरुष के नाम से मशहूर सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत के एकीकरण के लिए याद किया था।