मन की बात में मोदी ने सबसे पहले हॉकी के मशहूर खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को याद किया। उन्होंने कहा कि हम सभी ब्रेडमैन का नाम जानते हैं। उन्होंने भी ध्यानचंद की तारीफ की थी। ओलंपिक का जिक्र करते हुए मोदी ने लड़कियों की तारीफ की। मोदी ने कहा कि ऐसा लगता है कि पूरे भारत की बेटियों ने देश का नाम रोशन करने की ठान ली है। पीएम ने लोगों से खेल को वक्त बर्बाद करने वाली चीज ना मानने की भी गुजारिश की।

शिक्षक दिवस को याद: पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षक का दर्जा मां से कम नहीं होता। मोदी ने कहा कि टीचर अपने से ज्यादा अपनों की चिंता करता है। वहीं बेडमिंटन में सिल्वर जीतने वालीं पीवी सिंधू के कोच पुलेला गोपीचंद की भी जिक्र मोदी ने किया। उन्होंने उन्हें कोच से बढ़कर एक शिक्षक बताया।

गणेश उत्सव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा सार्वजिनक गणेश उत्सव लोक मान्य तिलक की देन है। मोदी ने बताया कि कई लोगों ने गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा में इस्तेमाल हो रहे सामान से पर्यावरण को हो रहे नुकसान का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियों की जगह मिट्टी की मूर्तियां लेनी चाहिए। उन्होंने कहा गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, विघ्न पैदा करने वाले गणेश पैदा ना किए जाएं।

मदर टेरेसा: मोदी के कहा कि मदर टेरेसा को संत को घोषित किया जाना भारत के लिए गर्व की बात है। मदर टेरेसा को 4 सितंबर को संत घोषित करने के लिए कार्यक्रम होने वाला है।

मोदी ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘ आपने मुझे प्रधानमंत्री भले ही बना दिया हो लेकिन मैं भी तो आपके जैसा ही इंसान हूं। कुछ भावुक घटनाएं मुझे कुछ ज्यादा ही छू जाती हैं।’ मोदी ने बताया कि 84 साल की एक मां ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी और गैस सब्सिडी छोड़ने की बात का जिक्र किया था। जिसमें उस महिला ने बताया था कि गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए उन्हें पीएम की तरफ से एक थैंक्यू लेटर मिला था। उसे पाकर वह महिला इतनी खुश हुई कि उसने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का पत्र उसके लिए लिए पद्मश्री से कम नहीं है। उस महिला ने पीएम को 50 हजार रुपए का डोनेशन भी दिया था।

कश्मीर का जिक्र: पीएम मोदी ने कहा कि सभी दल कश्मीर में हो रही हिंसा के खिलाफ एकसाथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कुछ लोग कश्मीर के छोटे बच्चों को आगे करके अपनी मंशा पूरी कर रहे हैं और उन्हें कभी ना कभी उन्हीं बच्चों को जवाब जरूर देना पड़ेगा।

स्वच्छ भारत का जिक्र: मोदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्कूल के बच्चों ने अपने माता-पिता को चिठ्ठी लिखकर टॉयलेट बनवाने की मांग की थी। इसके बाद सबके पेरेंट्स ने उनकी बात मानकर टॉयलेट बनवाया। पीएम ने मल्लामा नाम की लड़की का भी जिक्र किया। पीएम ने बताया कि उसने भूख हड़ताल पर बैठकर अपने परिवार के खिलाफ ही सत्याग्रह कर दिया था। मल्लमा घर में टॉयलेट बनवाना चाहती थी। फिर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की कारण गांव के प्रधान ने 18 हजार रुपए का इंतजाम करके टॉयलेट बनवा दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 अगस्त) को मन की बात की। यह उनकी 23वीं मन की बात है। इसको ऑल इंडिया रेडियो के साथ-साथ टीवी के भी कई चैनल्स पर पूरे भारत में दिखाया जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (31 जुलाई) को 22वीं मन की बात की। इस मौके पर उन्होंने तकरीबन 35 मिनट भाषण दिया था। उसमें पीएम मोदी ने रियो ओलंपिक 2016 में खेलने के लिए जा रहे खिलाड़ियों को बधाई दी थी।