Manmohan Singh Last Press Conference: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 की उम्र में निधन हो गया। उनका जाना एक युग का अंत है, उनके जाने से पूरे देश में इस समय शोक की लहर है। केंद्र द्वारा 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक पहले ही घोषित किया जा चुका है। वैसे मनमोहन सिंह की जैसी शख्सियत थी, उनको लेकर कहा जाता था वे ज्यादा बात नहीं करते थे, कई अहम मुद्दों पर चुप्पी साध जाते थे। लेकिन यह बात 2014 की है जब मनमोहन सिंह ने अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
उस प्रेस कॉन्फ्रेंस को इस वजह से याद किया जाता है क्योंकि आज भी जब प्रधानमंत्री मोदी पर उनके विरोधी निशाना साधते हैं तो कहा जाता है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तो मीडिया से बात करते थे, लेकिन पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं किया। मनमोहन सिंह की जो आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी, उसमें उनसे कई मुश्किल या कहना चाहिए विवादित सवाल पूछे गए थे। यह ऐसे सवाल थे जिनसे आसानी से बचा जा सकता था या फिर चुप्पी साधी जा सकती थी। लेकिन यह मनमोहन सिंह थे जो ना डरे जो ना रुके और उन्होंने हर सवाल का भी बेबाकी से जवाब दिया।
भ्रष्टाचार पर सवाल
मीडिया ने मनमोहन सिंह से सबसे पहला सवाल भ्रष्टाचार को लेकर पूछा था। उस समय मनमोहन सिंह ने जोर देकर कहा था कि भ्रष्टाचार के जो भी आरोप हैं, वो ज्यादातर यूपीए 1 के दौरान लगे। इसके ऊपर हम तो वोटर के सामने गए और उन्होंने हमें और बड़ा जनादेश दिया, दोबारा सत्ता में आने का मौका दिया। इस मुद्दे को समय-समय पर उस समय की मीडिया, सीएजी और कोर्ट ने उठाया, लेकिन देश की जनता ने हम पर दोबारा भरोसा जताया है, भ्रष्टाचार के आरोपों से मुझे या फिर मेरी पार्टी से जोड़ने का काम नहीं किया।
मंत्रियों के भ्रष्टाचार पर सवाल
वैसे मनमोहन सिंह से फिर पत्रकारों ने दो टूक पूछा कि पहले कार्यकाल में भी अगर मामले सामने आए थे, आपको नहीं लगता उससे आपकी छवि को सीधा नुकसान पहुंचा। उस सवाल पर तब मनमोहन सिंह ने कहा था कि मुझे तो इस बात का दुख होता है क्योंकि मैं तो वो शख्स था जिसने सामने से कहा था कि स्पेक्ट्रम आवेदन पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। मैं ही तो जोर देता था कि कोल ब्लॉक का आवंटन नीलामी के जरिए होना चाहिए। लेकिन इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया गया, भुला दिया गया। यह भी सच है कि विपक्ष का अपना कोई स्वार्थ था और कुछ मौका पर शायद मीडिया भी उनके हाथ का खिलौना बन गई थी।
मोदी पर सवाल
वैसे उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस से मनमोहन सिंह से पूछा गया था कि मोदी आपको कमजोर प्रधानमंत्री कहते हैं। तब उन्होंने ऐसा तगड़ा जवाब दिया कि उनके विरोधियों के मुंह बंद हो गए। उन्होंने कहा था कि यह फैसला इतिहास को करने देते हैं। बीजेपी और इसके सहयोगी को जो बोलना चाहते हैं, उन्हें बोलने दीजिए. अगर आपके मज़बूत प्रधानमंत्री बनने का अर्थ अहमदाबाद की सड़कों पर निर्दोष नागरिकों का क़त्ल है, तो मैं नहीं स्वीकार करता कि देश को ऐसे मज़बूत प्रधानमंत्री की ज़रूरत होगी। मनमोहन सिंह की और खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें