दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को कथित शराब घोटाले में जमानत दे दी गई है। बेल मिलने के बाद से ही वे राजनीति में सक्रिय होते दिख रहे हैं। उनकी तरफ से पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की जा रही है, मीडिया को इंटरव्यू भी दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब उनकी तरफ से एक और इंटरव्यू दिया गया है और उसमें एक बड़ा खुला भी किया गया है।
मनीष सिसोदिया ने क्यों दिया इस्तीफा?
इस समय सभी के मन में एक सवाल है- जब अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया तो डिप्टी सीएम के पद से सिसोदिया ने तुरंत क्यों इस्तीफा दिया? पहली बार खुद मनीष सिसोदिया ने टीवी9 को दिए एक इंटरव्यू में इस सवाल का दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक डिप्टी सीएम या मंत्री के इस्तीफा देने में और सीएम के इस्तीफा देने में काफी फर्क होता है। एक मंत्री अगर इस्तीफा दे भी देता है तो किसी दूसरे को जिम्मेदारी दी जा सकती है। लेकिन अगर सीएम इस्तीफा दे देगा तो उस स्थिति में तो सरकार ही गिर जाएगी।
जांच एजेंसी को लेकर क्या बोले सिसोदिया?
मनीष सिसोदिया ने इस बात का भी जिक्र किया कि जांच एजेंसी को उनके या फिर उनके किसी भी साथी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। वो सिर्फ परेशान करते थे, दबाव बनाते थे कि केजरीवाल के खिलाफ बयान दो। वैसे इससे पहले भी सिसोदिया ने जब इंटरव्यू दिए थे, उन्होंने इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, फिर भी जेल में रखा गया।
मनीष सिसोदिया के जेल वाले दिन
जेल के दिनों को याद करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि जेल में रहते हुए 15 घंटे उन्हें बिल्कुल अकेले ही रहना पड़ता था। छोटी सी जेल थी, कोई बात करने वाला नहीं होता था। उस समय तो मैं मानता हूं कि किताबें ही मेरी दोस्त बन गई थीं। मैं खुद का ही और पक्का दोस्त बन गया था। मनीष सिसोदिया ने इस बात का जिक्र भी किया कि सिर्फ 5 से 6 घंटे का वक्त ऐसा था जब 30 मिनट का ब्रेक मिलता था। उस समय वे जरूर कुछ लोगों से थोड़ी बहुत बातें करते थे। वैसे अपनी जेल यात्रा को लेकर मनीष सिसोदिया यह भी मानते हैं कि वे राजनीतिक रूप से कमजोर नहीं पड़े थे। उनका कहना था कि जंग तो वे बाहर रहकर भी लड़ रहे थे और जेल में भी उनकी वही भूमिका थी।