मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार (30 जून, 2023) को घोषणा की कि वह सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे। पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह मुख्यमंत्री का पद छोड़ सकते हैं, लेकिन अब उन्होंने इस्तीफा नहीं देने का फैसला कर लिया है। इस दौरान उनके समर्थकों ने भी काफी हंगामा किया और वह उनके आवास पर पहुंच गए।

बीरेन सिंह 20 विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने जा रहे थे, लेकिन उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा थे, जिन्होंने उन्हें वहीं रोक लिया। इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया और भीड़ ने उनका इस्तीफा भी फाड़ दिया।

मुख्यमंत्री सचिवालय और राजभवन से करीब 100 मीटर की दूरी पर नुपी लाल कॉम्प्लेक्स में सैकड़ों महिलाएं एकत्र हुईं और बीरेन सिंह से इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया।

दोपहर तीन बजे बीरेन सिंह राज्यपाल अनुसुइया उल्के से मुलाकात करने वाले थे इसलिए 2 बजकर 20 मिनट पर वह अपने आवास से निकले। उनके साथ 20 विधायक भी थे। जब वह सब राज्यपाल से मिलने के लिए सीएम आवास से निकले तो भीड़ ने उनको घेर लिया, जिसके बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। कुछ देर बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री और सरकार के कुछ अन्य लोग बाहर आए।

उनमें से एक मंत्री सुसिड्रो मेटिटेई ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा पत्र पढ़कर वहां मौजूद महिलाओं को सौंप दिया, जिन्होंने उसे फाड़ दिया। सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहा, “सीएम आवास पर वापस आने के बाद हमने उनसे लोगों की इच्छा को देखते हुए इस्तीफे पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। सीएम को समझाने के बाद, कुछ मंत्री लोगों को यह बताने के लिए बाहर गए कि वह इस्तीफा नहीं देने के लिए सहमत हो गए हैं।”

उधर, पिछले डेढ़ महीने से राज्य में जारी हिंसा के बीच राहुल गांधी मणिपुर के दो दिन के दौरे पर हैं। वह कल यहां पहुंचे थे। इस दौरान, उन्होंने हिंसा प्रभावित चुराचंदपुर और मोइरंग में राहत शिविरों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने राज्य के समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से भी मुलाकात की। मैतई और कूकी समुदाय के बीच तनाव के कारण हजारों लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है। इस समय 300 से ज्यादा राहत शिविरों में करीब 50 हजार लोग रहे हैं। इन हिंसात्मक घटनाओं में अब तक 120 लोगों की जान जा चुकी है।