मणिपुर में जारी हिंसा के बीच इंडियन आर्मी की तरफ से बड़ा बयान आया है। भारतीय सेना ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर कहा कि मणिपुर में महिला एक्टिविस्ट्स जानबूझकर सड़कों को रोक कर रही हैं और सुरक्षा बलों के ऑपरेशंस में इंटरफेयर कर रही हैं। सेना द्वारा शेयर किए गए वीडियो में ऐस कई मामले दिखाए गए हैं, जहां महिलाएं आर्मी ऑपरेशन के दौरान इंटरफेयर कर रही हैं।

सेना की तरफ से यह भी कहा गया कि महिला एक्टिविस्ट्स (Women Activists) की ऐसी गतिविधियां गंभीर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा समय पर किए जाने वाले ऑपरेशंस को नुकसान पहुंचाती हैं, इससे कई बार जीवन और संपत्ति बचाने में देरी होती है।

भारतीय सेना (Indian Army) ने अपने मैसेज में मणिपुर के सभी समुदायों से शांति की अपील करते हुए कहा कि मणिपुर को बचाने में हमारी मदद कीजिए। सेना ने कहा कि सेना के जवानों की मूवमेंट को रोकना न सिर्फ गैर कानूनी है बल्कि यह कानून एवं व्यवस्था बहाल करने के प्रयासों को भी नुकसान पहुंचाता है।

आपको बता दें कि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया था, जब महिलाओं का एक बड़ा समूह आर्मी ऑपरेशन के दौरान सड़क पर आ गया था। तब सुरक्षा बलों को प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन के 12 उग्रवादियों को “रिहा” करना पड़ा था। इन लोगों में स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा भी शामिल था। यह साल 2015 में 6 डोगरा (6 Dogra) पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है। इस हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे।

24 जून को हुआ था ऑपरेशन

बीती 24 जून को मणिपुर में एक ऑपरेशन के दौरान कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) के 12 कैडरों को हथियारों, गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया था। भारतीय सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, करीब 1200 से 1500 महिलाओं की भीड़ ने सेना की टीम को ऑपरेशन करने से रोक। इसके बाद स्थिति को देखते हुए ग्राउंड पर मौजूद सेना के अधिकारी द्वारा 12 उग्रवादियों को एक लोकल नेता को सौंप दिया गया।