Manipur Violence: मणिपुर हिंसा के लगभग साल भर बाद अब घटनाक्रमों की जांच में बड़ी कमियां सामने आ रही हैं। यहां के चुराचांदपुर जिले में भीड़ द्वारा कुकी-ज़ोमी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न उनकी परे़ड कराने और उनके यौन उत्पीड़ने के मामले में जांच कर रही, सीबीआई ने अब अपनी चार्जशीट में बड़ा खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि पीड़ित महिलाएं नग्न परेड से पहले पुलिस की जिप्सी के पास मदद मांगने गई थीं, लेकिन उसके ड्राइवर ने उन्हें चाबी न होने का बहाना दिया था।
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि पुलिस ने दोनों ही महिलाओं को उनके हालात पर छोड़ दिया था। पुलिस का कहना था कि वहां उन्हें कोई खतरा ही नहीं है, जबकि उसके बाद जो कुछ भी हुआ उसने पूरे देश को शर्मसार किया। सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में कहा गया कि दोनों महिलाओं ने पुलिस से वाहन में बैठाकर सुरक्षित जगह ले जाने का आग्रह किया था लेकिन पुलिस जिप्सी में दो अन्य पीड़ित पुरुष भी बैठे थे।
सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि जिप्सी छोड़कर सभी पुलिसकर्मी मौका-ए-वारदात से चले गए थे। इसके बाद बड़ी संख्या में भीड़ वहां पहुंची और महिलाओं को जिप्सी से बाहर निकाल लिया। पुलिस के जाने के बाद उस भीड़ ने दोनों ही महिलाओं को नग्न परेड कराई थी और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया।
बदले के लिए की अमानवीय हरकत
सीबीआई का कहना है कि उसे जांच से पता चला है कि डर के कारण शिकायतकर्ता तीन पीड़ित अपनी बेटी और एक पोती के साथ जंगल में भाग गए थे। भीड़ की नजर उन पर पड़ गई थी, और उन्हें देखते ही चिल्लाने लगी कि ‘यहां लोग छुपे हुए हैं’। भीड़ में शामिल एक शख्स हाथ में बड़ी कुल्हाड़ी लेकर उनकी ओर दौड़ा और उन्हें धमकाते हुए कहा, ‘जिस तरह चुराचांदपुर में तुम लोगों ने हमारे (मैतेई लोगों) साथ व्यवहार किया, हम भी तुम्हारे साथ वही करेंगे। भीड़ जबरदस्ती परिवार के सभी सदस्यों को मुख्य सड़क पर ले आई और उन्हें अलग-अलग कर दिया था।
पुलिस की जिप्सी देख मदद मांगने गईं थीं पीड़िता
इसके साथ ही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह भी कहा है कि भीड़ में से कुछ लोगों ने पीड़ितों को पास में एक गांव की सड़क के किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी के पास जाने के लिए कहा। पुलिस जिप्सी के पास आते समय भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने फिर से पीड़ितों को उनके परिवार से अलग कर दिया। इस बीच दो महिलाएं पुलिस की जिप्सी में बैठने में कामयाब हो गईं थी।
पुलिस ने चाबी न होने का बनाया बहाना
पुलिस जिप्सी के अंदर ड्राइवर समेत दो पुलिसकर्मी उनके साथ थे और तीन से चार पुलिसकर्मी बाहर थे। एक पीड़ित ने पुलिसकर्मियों से वाहन चलाने का अनुरोध किया। पुलिस जिप्सी के ड्राइवर ने इस पर कहा कि कोई चाबी नहीं है’। इस आरोपपत्र में सामने आया कि पीड़ित महिलाएं बार-बार पुलिसकर्मियों से उनकी मदद करने की गुहार लगती रहीं लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की।