मणिपुर में शर्मनाक वीडियो घटना के बाद से देश भर में हंगामा मच गया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने मांग की कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। कुछ ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के बड़े नेताओं ने मणिपुर के वायरल वीडियो की निंदा की लेकिन अभी तक पार्टी ने यह नहीं बताया कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं?

मणिपुर में सेना के कथित अत्याचारों के खिलाफ अपनी भूख हड़ताल जारी रखने वाली इरोम शर्मिला ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मैं स्तब्ध और परेशान महसूस कर रही हूं। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र ने हस्तक्षेप किया होता तो घटना को टाला जा सकता था। वहीं एक अन्य मणिपुरी मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनालक्ष्मी नेपराम ने कहा कि केंद्र और राज्य को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और जिम्मेदारों को इस्तीफा देना चाहिए।

विपक्षी दलों ने संसद में भी इसी तरह की मांग की। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं। भारी विरोध का सामना करने के बावजूद बिरेन सिंह को बीजेपी का समर्थन मिलता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बिरेन सिंह को मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से हटाने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है और केंद्र के लिए अभी प्राथमिकता राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है।

इस वजह से इस्तीफा नहीं ले रही बीजेपी

बीजेपी के रुख को सही ठहराते हुए इंफाल में रहने वाले एक अनुभवी राजनीतिक विश्लेषक ने Rediff से बात करते हुए कहा कि उन्हें हटाना मुश्किल है क्योंकि अगर उन्हें हटाया जाता है, तो इससे मेइतेई लोगों के बीच हार की भावना पैदा होगी, चाहे वह सही हो या गलत। इसके अलावा अराजकता और अधिक बढ़ेगी।

हालांकि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) का तर्क है कि वर्तमान सरकार राज्य में कानून और व्यवस्था बहाल करने में असमर्थ है। मणिपुर पुलिस ने कुकी महिलाओं को भीड़ को सौंप दिया था। यह बेशर्म मुख्यमंत्री कब तक इस्तीफा देगा?