मणिपुर विधानसभा ने केंद्र से एनआरसी लागू करने का आह्वान किया। मणिपुर विधानसभा ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राज्य में NRC लागू करने की अपील की। वहीं, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सदन को सूचित किया कि चुराचांदपुर में पुलिस अधिकारी पर हमले की घटना के संबंध में आठ FIR दर्ज की गई हैं। जिले में उस दिन भीड़ ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तोड़फोड़ की थी और आग लगा दी थी।
राज्य विधानसभा ने 2022 में भी एनआरसी लागू करने का प्रस्ताव पास किया था। राज्य सरकार का कहना है कि पहाड़ी इलाके और घाटियों में आबादी लगातार बढ़ रही है। इसलिए राज्य में एनआरसी का लागू करना जरूरी है।
कांग्रेस विधायक के मेघचंद्र के उठाए गए मुद्दे का जवाब देते हुए सीएम बीरेन सिंह ने कहा, ‘‘आठ एफ़आईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से दो मामले सीबीआई को सौंपे गए हैं।’’ उन्होंने बताया कि घटना में 6 पुलिस कर्मी और 43 आम लोग घायल हो गए थे और हिंसा में संलिप्त 20 लोगों की पहचान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के वीडियो रिकॉर्डिंग से जानकारी मिली है कि भीड़ के बीच में AK-47 राइफल वाले लोगों सहित हथियारबंद लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठा रही है।
जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 13 हजार से ढांचों को नष्ट किए जाने की सूचना
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में कहा कि पिछले साल मई में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 13,264 ढांचों को नष्ट किए जाने की सूचना है। विधायक सुरजाकुमार ओकराम के एक प्रश्न के जवाब में सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि विभिन्न जिलों में क्षतिग्रस्त, नष्ट या जलाए गए ढांचों का आकलन और पहचान का काम अब भी जारी है।
सीएम सिंह ने बताया कि सरकार ने उन परिवारों के लिए अग्रिम अंतरिम राहत के रूप में 15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं जिनके घर हिंसा के दौरान पूरी तरह से जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों की पहचान और खातों का सत्यापन संबंधित जिला उपायुक्त कर रहे हैं।
कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती के संबंध में सीएम सिंह ने कहा कि मई से अक्टूबर 2023 तक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 200 कंपनियां तैनात की गईं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण मोरेह में केंद्रीय बलों की तैनाती के बारे में विशेष विवरण सदन में नहीं दिया जा सकता है।