केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सुझाव दिया है कि बच्चे के जन्म से पहले ही उसका लिंग पता किया जाए ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की सही ढंग से निगरानी हो सके। मेनका ने सोमवार को जयपुर में कहा, यह पता चल जाएगा कि गर्भ में लड़का है या लड़की तो बच्चे को मॉनिटर करना और आसान हो जाएगा। यह इस मुद्दे को देखने का अलग नजरिया है।
पीसीपीएनडीटी एक्ट के बावजूद लिंग जांच के लिए अलग अलग तरीके काम में लिए जाने के सवाल के जवाब में मेनका ने कहा कि, ‘हम लोगों ने एक चीज पेश की है, सारी पार्टी के सामने और मंत्रियों के सामने। पीसीपीएनडीटी एक्ट मेरे तहत नहीं आता। यह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है। लेकिन तब तक हम क्या लोगों को गिरफ्तार करते रहेंगे। इस देश में यदि कोई व्यक्ति अल्ट्रासाउंड वाले के पास अपने अजन्मे बच्चे के लिंग के बारे में पूछने जाता है तो नहीं कहने का साहस कौन दिखाएगा।’
उन्होंने कहा कि, ‘ मैंने अखबारों में पढ़ा कि ब्लड टेस्ट से लिंग का पता चल जाएगा, तब तक तो हम लोगों को अपराधी बना देंगे। इससे बढि़या है कि हम नीति बदल देते हैं और प्रत्येक गर्भवती महिला केलिए इसे आवश्यक कर देते हैं। इससे आप पता लगा सकेंगे कि लड़की होने पर उसका जन्म हुआ या नहीं। इससे सारी परेशानी को सुलझाने में आप सक्षम होंगे। इससे आप बच्चियों को और पोषण देने में सफल र हेंगे। राजस्थान जैसे राज्य लड़कियों के लिए पैसे देने के बजाय और बेहतर कार्यक्रम चलाएंगे।’ मेनका बोलीं, मैंने अभी सुझाव दिया है। इस पर चर्चा चल रही है। जल्द फैसला हो जाएगा।
खास बात है, बेटी को गर्भ में मार डालने के मामले बढऩे की वजह से गर्भस्थ शिशु के लिंग जांच पर रोक है। उन्होंने कहा, देश के 61 और जिलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। मेनका के अनुसार विकसित राज्यों लड़कियों की ज्यादा हत्याएं होती हैं। जबकि विकासशील राज्यों में ऐसी घटनाएं कम होती हैं।