जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पीडीपी राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए विकल्प खुले रख रही है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कुछ भी करके सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं। जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और सुशासन के लिए सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने में समय लगेगा। यह कहना कठिन होगा कि यह कब तय होगा।’’
उन्होंने अपनी रणनीति बताने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी केवल संख्या बल हासिल करने के लिए किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी सरकार बनाने के लिए संभावनाएं तलाशेंगे जो विश्वसनीय हो। हम संभावनाएं तलाश रहे हैं और जो कश्मीर की जनता के हित में होगा, वही करेंगे। हम सुशासन के एजेंडा पर आधारित सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसमें समय लगेगा।’’
पीडीपी ने 87 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में 25 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और तीन पर आगे चल रही है। पीडीपी अध्यक्ष ने हालांकि किसी भी पार्टी से गठबंधन की संभावना को लेकर पत्ते नहीं खोले लेकिन उन्होंने इस संबंध में संकेत जरूर दिये, जब उन्होंने कहा कि मौजूदा चुनाव में जनादेश नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘2002 में हमारी 16 सीटें थीं। विश्वसनीयता का संकट था और लोगों ने नेशनल कांफ्रेंस के खिलाफ मतदान किया था। आज भी लोगों ने एनसी और कांग्रेस के खिलाफ वोट डाले हैं।’’
पीडीपी को बिना शर्त समर्थन देने संबंधी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर महबूबा ने साल 2002 से 2008 तक रहे पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों का साझा न्यूनतम कार्यक्रम राज्य के लिए और शेष देश के लिए अच्छा रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की विश्वसनीयता होनी चाहिए और उसे जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।’’
महबूबा ने वोट देने के लिए जनता का आभार व्यक्त करते हुए माना कि परिणाम उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णायक जनादेश नहीं है और हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। हमें सबसे बड़ी पार्टी बनाने के लिए हम जम्मू कश्मीर की जनता का शुक्रिया अदा करते हैं।’’