दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह बुधवार को आवारा कुत्तों का मुद्दा उठाने के लिए सीएम के जनसुनवाई कार्यक्रम में गया था। पुलिस के मुताबिक, मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा उठाने में नाकाम रहने पर आरोपी ने उन पर हमला किया। सूत्रों के अनुसार, आरोपी व्यक्ति हाल ही में बंदरों के प्रति अपने प्रेम के कारण उत्तर प्रदेश के अयोध्या गया था।
पुलिस ने बताया कि सकरिया ने पुलिस को बताया कि वह इस साल की शुरुआत में गुजरात के राजकोट से अयोध्या गया था, मंदिर में पूजा-अर्चना की और बंदरों को खाना खिलाया। सूत्रों ने आगे बताया कि उसने पुलिस को बताया कि शहर छोड़ने से पहले उसने कुछ समय बंदरों के साथ बिताया। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस उत्तर प्रदेश और गुजरात में अपने समकक्षों से संपर्क कर इन स्थानों की उसकी यात्रा की पुष्टि करेगी।
राजेश ने आवारा पशुओं के कल्याण के लिए विरोध प्रदर्शन किया था
पुलिस ने बताया कि राजेश सकरिया ने यह भी बताया कि उसने इस साल की शुरुआत में राजकोट के खोडलधाम में आवारा पशुओं के कल्याण के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि वह एक पशु प्रेमी है और उसने गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में पशु कल्याण के लिए कई जगहों पर काम किया है।” सूत्रों ने बताया कि राजेशभाई खिमजीभाई सकरिया ने पूछताछ के दौरान दिल्ली पुलिस को बताया कि पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद, प्रशासन ने मंदिर परिसर से बंदरों को हटाने का अभियान चलाया था।
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सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों को लेकर फैसले से था नाराज
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला करने के आरोपी व्यक्ति ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने आवारा कुत्तों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ यहां रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी। पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह योजना सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किए गए आंदोलन की तर्ज पर थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपी राजेशभाई खिमजी ने पुलिस को बताया कि वह खुद को पशु प्रेमी साबित करने के लिए ऐसा कर रहा था और वह राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों पर उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश से नाराज था।
राजेश की मां, भानु सकरिया ने संवाददाताओं को बताया था कि उनका बेटा कुत्तों से प्यार करता है और वह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश से परेशान है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी आवारा कुत्तों को उठाकर शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (22 अगस्त) को अपने फैसले में कहा कि सिर्फ बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में ही रखा जाएगा। नसबंदी के बाद कुत्तों को छोड़ा जाएगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर समेत यह फैसला पूरे देशे में राज्य में लागू होगा। पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने दी आवारा कुत्तों को राहत