सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने एक ऐसा मामला आया जिसमें याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार सुनने को मिली है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में जजों से कहा कि अगर उसकी याचिका खारिज कर दी गई तो वह आत्महत्या कर लेगा। कोर्ट ने पीआईएल को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगाई। मामला इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों की आत्महत्या से जुड़ा था।

क्या है पूरा मामला

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर. महादेवन की पीठ के समक्ष जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इसमें याचिकाकर्ता ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों की खुदकुशी, मानसिक उत्पीड़न, शिक्षकों की नियुक्ति आदि में पारदर्शिता का मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि वह विभिन्न मंचों पर अपनी बात रख चुका है। अब वह सु्प्रीम कोर्ट के पास आया है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने याचिका का प्रारूप जिस तरह से तैयार किया है उससे किसी भी तरह का समाधान नहीं निकल सकता है। जजों के इतना कहते है याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर उसकी याचिका खारिज की गई तो वह आत्महत्या कर लेगा। कोर्ट ने इतना सुनते ही याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप इतने कमजोर नहीं हो सकते हैं। आपने इतने प्रतिवादी बना दिए हैं, हमें भी बना दीजिए। याचिका में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को भी प्रतिवादी बनाया गया था। कोर्ट ने पूछा आखिर आपकी शिकायत क्या है?

याचिकाकर्ता ने जब दोबारा कहा कि वह आत्महत्या कर लेगा तो कोर्ट ने कहा कि वह आप अपनी सीमा से निकल रहे हैं। कृपया…चुप कर जाइए। यदि आप अपने आप को इतना कमजोर समझते हैं, आप वास्तव में हमें धमकी दे रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि आपको काउंसलिंह की जरूरत है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पीआईएल को खारिज कर दिया।