सारदा घोटाले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि अगर पोंजी कम्पनी से उनकी निकटता साबित हो जाए तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगी।
पार्टी के पूर्व सांसद कुणाल घोष के इस आरोप के बारे में पूछने पर कि सारदा समूह से मुख्यमंत्री की नजदीकी है, उन्होंने कहा, ‘‘किसने कहा ? आपको यह साबित करना होगा अन्यथा मैं अपनी तरफ से इस्तीफा दे दूंगी।’’
यह पूछने पर कि क्या वह इस्तीफा देंगी, बनर्जी ने कहा, ‘‘हां। मैं आपको बता रही हूं कि यह (आरोप) पूरी तरह गलत है। वह माकपा का समय था, वाम मोर्चा का समय था, 34 वर्ष हमारा समय नहीं था। हमने व्यक्ति को गिरफ्तार किया, हमने न्यायिक आयोग का गठन किया, हमने लोगों का धन लौटाया। यह (आरोप) पूरी तरह गलत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, आप इस तरह आरोप नहीं लगा सकते। पहले आपको साबित करना होगा। आपको साक्ष्य देना होगा। हमारे समय में ऐसा कभी नहीं हुआ। वह वाम मोर्चा का समय था और कांग्रेस एवं भाजपा का समय था।’’
खबरिया चैनल हेडलाइंस टुडे को दिए गए साक्षात्कार में बनर्जी ने सांप्रदायिक खतरे का मुकाबला करने के लिए वाम मोर्चा के साझा प्लेटफॉर्म में शामिल होने के विचार को पूरी तरह खारिज नहीं किया।
यह पूछने पर कि क्या वाम मोर्चा और तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के साझा मंच पर एकसाथ आ सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर यह सांप्रदायिकता एवं गुंडागर्दी के खिलाफ संघर्ष का मंच है।’’
एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या वह माकपा नेता प्रकाश करात के साथ मंच साझा करेंगी तो उन्होंने कहा, ‘‘वह न्यूनतम साझा कार्यक्रम है। यह सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने के एक मंच जैसा है।’’
बहरहाल उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वाम दल ‘‘खत्म’’ हो चुके हैं।
टीवी चैनल की तरफ से जारी बयान में ममता के हवाले से बताया गया, ‘‘उनकी अपनी विचारधारा वाली नीति है, मेरी अपनी विचारधारा की नीति है। यह अलग सवाल है।’’