पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ की ममता को लिखी एक चिट्ठी सूबे की राजनीति में नई हलचल पैदा कर गई। पहले से ही एक दूसरे के जानी दुश्मन बनी बीजेपी और टीएमसी के बीच इससे खटास और ज्यादा बढ़ गई। ममता सरकार ने पलटवार कर राज्यपाल से उनके आचरण को लेकर उलटा सवाल दाग दिया।
दरअसल, गवर्नर ने एक चिट्ठी ममता सरकार को लिखी थी, लेकिन इसे मीडिया के लिए भी जारी कर दिया गया। उसके बाद ये खत सोशळ मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें धनखड़ ने सरकार से कहा कि वो इस दिशा में जरूरी कदम उठाए। इसलमें उनका कहना है कि हमें खून से लथपथ बंगाल नहीं चाहिए। इस धरती पर हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि जहां मन भय से मुक्त हो और मस्तक सम्मान से उठा हो। मैं जानता हूं कि यहां किसी का भी मन भय से मुक्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि भय इतना अधिक है कि लोकतंत्र अंतिम सांस ले रहा है। मैं सरकारी अधिकारियों और मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि लोकतंत्र पनपे यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री आवश्यक कदम उठाएंगी और सरकार सकारात्मक रुख अपनाएंगी। हम बंगाल में आग नहीं लगने दे सकते।
उधर, ममता सरकार ने गवर्नर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हिंसा को रोकने की कोशिश सही तरीके से की गई। सरकार ने सवाल दागा कि गवर्नर एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं। वो सीएम को लिखी चिट्ठी सार्जनिक कैसे कर सकते हैं। टीएमसी का कहना है कि इस तरह का आचरण मर्यादा के अनुकूल नहीं है।
गौरतलब है कि बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर पार्टी विधायकों के साथ बैठक की थी। इसमें चुनाव बाद हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल पर आरोप जड़ा गया था। इस बैठक के बाद सुवेंदु अधिकारी के साथ करीब 50 नेताओं ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल धनखड़ ने आज सीएम को चिट्ठी लिख डाली और उसे सावर्जनिक कर दिया।
Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar urged CM Mamata Banerjee to break silence on post-poll retributive violence, restore law and order, provide succour to the suffering people pic.twitter.com/1YiQad1Krg
— ANI (@ANI) June 15, 2021
Government of West Bengal has observed with dismay and distress that the Governor of West Bengal has suddenly made public, a letter of his to the Chief Minister of West Bengal, with contents that are not consistent with real facts
— ANI (@ANI) June 15, 2021
दरअसल बीजेपी का पारा मुकुल रॉय के टीएमसी में जाने के बाद से चढ़ा हुआ है। आए दिन जिस तरह से बीजेपी के नेता टीएमसी में जा रहे हैं, उससे पार्टी बेहद खफा है। यही वजह रही कि आज केंद्र ने मुकुल के बेटे को दी सिक्योरिटी वापस ले ली। मुकाल की सुरक्षा पर भी होम मिनिस्ट्री मंथन कर रही है। कयास हैं कि उनका सुरक्षा कवर भी हटाया जा सकता है। उन्हें सीआरपीएफ की सिक्योरिटी मिली है जबकि बेटे के पास सीआईएसएफ का कवर था।

