मालदीव और भारत के बीच में रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक लक्षद्वीप दौरे ने मालदीव के मंत्रियों के पेट में ऐसा दर्द किया कि उन्होंने सीधे-सीधे अपमान करना शुरू कर दिया। उस अपमान की अब मालदीव को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। तीन मंत्रियों के सस्पेंड होने के बावजूद भी भारत, मालदीव को माफ करने के मूड में नहीं है। अब इस पूरे विवाद में देशभक्ति फैक्टर बहुत हावी है और उसी वजह से इस एक मुद्दे ने खिलाड़ियों से लेकर बॉलीवुड एक्टर्स को एकजुट कर दिया है।
बीजेपी को क्या राजनीति दिख रही?
हर कोई लक्षद्वीप को तो प्रमोट कर रही रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ पीएम मोदी के अपमान पर भी मुंहतोड़ जवाब देने का काम कर रहा है। अब बीजेपी के लिए तो चुनावी मौसम में ये स्थिति काफी मुफीद साबित हो सकती है। सीधे-सीधे दिखाने का मौका मिल रहा है कि भारत ने मालदीव को सबक सिखा दिया। देश की संस्कृति को बचाने के लिए किसी बात की परवाह नहीं की। इसके ऊपर इमोशनल एलिमेंट ‘पीएम मोदी की बेइज्जती’ वाला भी साथ जुड़ चुका है। यानी कि बीजेपी जानती है कि मालदीव पर जितना गुस्सा अभी निकलेगा, उसका चुनाव में फायदा मिलने का भी पूरा अनुमान है।
लेकिन एक तरफ अगर बीजेपी को मालदीव पर गुस्सा कर सियासत चमकाने का मौका मिल रहा है। उसी मालदीव पर कांग्रेस का गुस्सा होना लाजिमी है। कांग्रेस का ये सियासी गुस्सा होना चाहिए क्योंकि मालदीव की पीएम मोदी पर की गई टीका-टिप्पणी ने पूरे नेरेटिव को ही बदलने का काम कर दिया। असल में जिस समय पीएम मोदी लक्षद्वीप दौरे पर गए थे, तब सोशल मीडिया पर उनकी कई तस्वीरें चर्चा का विषय बन गईं। उनका वो पानी में जाना, बीच पर आराम करना, हर फोटो वायरल हो चुकी थी। तब कांग्रेस ने उस पूरे दौरे को एक अलग चश्मे से देखा और वैसे ही उसे पेश करने का काम भी किया।
कांग्रेस क्या चाहती थी, क्या हो गया!
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मणिपुर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, लेकिन पीएम मोदी या तो बीच पर दिखे, या फिर स्विमिंग करते हुए। जहां मंदिर बन रहा है, वहां भी फोटो क्लिक करवाने के लिए चले गए। वे हर जगह जाते हैं, आप उनकी हर तस्वीर देख सकते हैं। ये बिल्कुल वैसी हालत जैसे सुबह उठते ही भगवान के दर्शन सबसे पहले करते हैं। लेकिन ये समझ से परे है कि इतने महान व्यक्ति मणिपुर क्यों नहीं गए?
इससे पहले इंस्टाग्राम पर भी कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें शेयर की थीं। तब भी लिखा गया था कि मणिपुर नहीं जाया जाएगा। अब खड़गे का बयान, कांग्रेस की पोस्ट ये बताने के लिए काफी है कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस मणिपुर मुद्दे को पूरे जोर-शोर से उठाना चाहती है। समझने वाली बात ये भी है कि राहुल गांधी की जो भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने जा रही है, उसका आगाज भी मणिपुर से ही होगा। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से तो पूरा प्रयास है कि मणिपुर को सुर्खियों में रखा जाए और इसी के जरिए मोदी सरकार पर सियासी हमले भी हों।
मालदीव ने कांग्रेस का खेल कैसे बिगाड़ा?
अब कुछ दिन तक ये सब हुआ भी क्योंकि पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर ज्यादा जानकारी लोगों के बीच में नहीं थी। हां जो तस्वीरें बीच वाली सामने आई थीं, बस वो वायरल रहीं। लेकिन तब तक लोगों के मन में ये ख्याल नहीं था कि पीएम लक्षद्वीप को प्रमोट करने के लिए ये सब कर रहे हैं। उस स्थिति में कांग्रेस का मणिपुर वाला दांव आराम से चल सकता था। लेकिन तभी मालदीव के कुछ नेताओं को मिर्ची लग गई। उन्हें ये बात रास नहीं आई कि लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से कैसे कर दी।
उस एक विवाद ने ऐसा तूल पकड़ा कि सोशल मीडिया से लेकर गूगल तक पर सभी बस लक्षद्वीप सर्च करने लगे। उस सर्च में भी यही दिख रहा था कि कैसे भारत ने मालदीव को सबक सिखाया, कैसे पूरा बॉलीवुड मालदीव के खिलाफ खड़ा हो गया। कैसे सभी ने मालदीव की अपनी ट्रिप कैंसल करना शुरू कर दिया। इसके साथ-साथ पीएम मोदी के अपमान का मुद्दा भी सुर्खियों में आ गया। बड़ी-बड़ी हस्तियों ने क्योंकि अपने अकाउंट से पीएम के समर्थन में मैसेज डाला, इसका असर दूर तक दिखा। उसी असर ने एक तरफ बीजेपी के लिए चुनावी मौसम में मुफीद माहौल बनाने का काम किया तो दूसरी तरफ कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया।
खड़गे की नसीहत ना पड़ जाए भारी?
भारत जोड़ो न्याय यात्रा से पहले कांग्रेस को खुद को सुर्खियों में रखना था। वो चाहती थी कि हर तरफ बस यात्रा का जिक्र रहे, लेकिन इस समय जिस तरह से मालदीव-लक्षद्वीप विवाद ने जोर पकड़ा है, कांग्रेस का प्रयास कुछ फीका साबित हो रहा है। वो चाहकर भी इस मुद्दे पर सरकार का खुलकर समर्थन भी नहीं कर पा रही थी, इसी वजह से अब यहां भी निशाना साधने का मौका देखा जा रहा है। इसी कड़ी में खड़गे ने कहा है कि पीएम मोदी जब से सत्ता में आए हैं, वे हर बात को व्यक्तिगत तौर पर खुद पर ले लेते हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंधों का ध्यान रखा जाना चाहिए, पड़ोसी नहीं बदले जा सकते, ऐसे में साथ मिलकर रिश्ते मजबूत करने चाहिए।
अब कांग्रेस के लिए इस तरह के बयान बैकफायर कर सकते हैं। इसे पीएम मोदी की सियासी छवि कहा जाए या फिर बीजेपी की मार्केटिंग, लेकिन जब भी प्रधानमंत्री पर निजी हमले हुए हैं, जनता ने ही उसका करारा जवाब देने का काम किया है। यहां तो एक दूसरे देश ने पीएम का मजाक बना दिया, वहां भी कांग्रेस की तरफ से इसका खंडन नहीं आया, बल्कि नसीहत दी गई कि हमलों को निजी तौर पर क्यों लिया जा रहा है। यानी कि पहले मालदीव एंट्री से कांग्रेस के नेरेटिव को नुकसान पहुंचा और अब लक्षद्वीप विवाद पर मोदी पर निजी वार कर फिर अपने लिए सियासी खाई खोदने का काम किया जा रहा है।