पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में मुस्लिम रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस अब इदारा ए शरिया संगठन की ओर से जारी खत पर दस्तखत करने वाले 51 लोगों की तलाश कर रही है। इस खत के जरिए रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी गई थी। तीन जनवरी को हुई यह रैली हिंसक हो गई थी जिसमें प्रदर्शनकारियों ने लगभग दो दर्जन वाहनों को जला दिया था, साथ ही कालियाचक पुलिस थाने पर भी हमला बोलते हुए आग लगा दी थी। यह रैली अखिल भारत हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए बयान के विरोध में आयोजित की गई थी।
कालियाचक थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कालियाचक में करामत अली मार्केट की पहली मंजिल पर स्थित इदारा ए शरिया का दफ्तर तीन जनवरी के बाद से ही बंद है। इन लोगों के फोन भी बंद हैं। हम ज्यादा सक्रिय नहीं होना चाहते क्योंकि इससे साम्प्रदायिक मामला उठ सकता है। पुलिस इस मामले में सीपीएम नेता अब्दुल रऊफ और तृणमूल कांग्रेस नेता अशदुल बिश्वास से पूछताछ कर सकती है। हालांकि किसी नेता के खिलाफ शिकायत नहीं आई है। मालदा एसपी प्रसून बंदोपाध्याय ने कहा कि हमें कुछ नाम मिले हैं और नामों का सत्यापन कर रहे हैं।
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इदारा ए शरिया के सदस्यों के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने बताया कि, अभी जांच शुरु हुई है, देखना होगा कि वे इसमें शामिल थे या नहीं इसके बाद उनसे पूछताछ होगी। उन्होंने एफआईआर में अब्दुल रऊफ का नाम होने की पुष्टि की है और बताया कि वह फरार है। वहीं इदारा ए शरिया से जुड़े एक युवक मुजमिल अहमद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमारा संगठन धार्मिक है और हमने रैली से पहले पुलिस को सूचना दी थी। उन्होंने पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जिसके चलते असामाजिक तत्व भीड़ में घुस गए और उन्होंने थाने पर हमला बोल दिया।