केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने अंतरिक्ष विभाग से उन अधिकारियों के खिलाफ जांच का विवरण सार्वजनिक करने को कहा है जिन्होंने अपनी अवकाश यात्रा छूट (एलटीसी) का कथित तौर पर दुरुपयोग किया। अंतरिक्ष विभाग ने माना था कि उसके बेंगलुरु कार्यालय से ऐसे कई मामले उसके संज्ञान में आए हैं जिनके बारे में एयर इंडिया से भी पड़ताल की गई और जिनमें कर्मचारियों ने कथित तौर पर अपनी एलटीसी सुविधा के एवज में झूठे दावे किए।
सुनवाई के दौरान अंतरिक्ष विभाग ने कहा था कि उसे अपने अधिकारियों द्वारा एलटीसी की सुविधाओं का लाभ उठाने में की गयी अनियमितताओं के संबंध में और इस सुविधा के दुरुपयोग के बारे में 2011 में सीवीसी से एक शिकायत मिली थी। सूचना आयुक्त शरत सभरवाल ने कहा, ‘उन्होंने सभी इसरो केंद्रों को सितंबर, 2008 के प्रभाव से एलटीसी रिकॉर्ड की जांच करने और एलटीसी के झूठे दावे किए जाने पर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा। उसके बाद बेंगलुरु कार्यालय के संदर्भ में 444 मामले चिह्नित किए गए जिनका सत्यापन एयर इंडिया के माध्यम से किया जाना था।’
मामला इसरो के सुनील कुमार एन के से संबंधित है जिन्होंने संस्थान के कर्मचारियों द्वारा 2008 से एलटीसी के कथित दुरुपयोग के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्हें सूचना के अधिकार कानून में जानकारी सार्वजनिक करने से छूट होने के प्रावधान का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया गया था।
सभरवाल ने कहा, ‘उक्त 444 मामलों में से 386 मामलों में एयर इंडिया से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हुई थी और रिकॉर्ड की पड़ताल करने के बाद छह अधिकारियों से वसूली का आदेश जारी किया गया। बाकी मामलों के संदर्भ में एयर इंडिया से दूसरी रिपोर्ट मिली है और अध्ययन किया जा रहा है।’ उन्होंने जांच पूरी करने में ढीला रवैया रखने के लिए अंतरिक्ष विभाग को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि अगर जांच अनिश्चितकाल तक चलती रही तो हमारी समझ से जांच का उद्देश्य ही बेकार हो जाता है।
सभरवाल ने इसरो और अंतरिक्ष विभाग को आदेश दिया कि मामले में अब तक उनके द्वारा की गई जांच और की गयी कार्रवाई का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए। जिन अधिकारियों से वसूली का आदेश दिया गया है उनके नाम और पद, प्रत्येक मामले में वसूली जाने वाली राशि और इसकी मौजूदा स्थिति बताई जाए।

