रूस से छिड़ी जंग के बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी सेना के हमले में यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट में आग लग गई है। इस आग को कई किलोमीटर दूर तक देखा गया है। बता दें कि रूसी सेना के हमलों से यूक्रेन में हालात खराब नजर आ रहे हैं। इन सबके बीच अमेरिका ने रूस के करीबी लोगों ने पर नये प्रतिबंध लगा दिये हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे पूरे घटनाक्रम को लेकर एबीपी न्यूज से बात करते हुए डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल (रिटा.) जीडी बख्शी ने कहा कि रूसी हमलों के सामने यूक्रेन का जज्बा तारीफ के काबिल तो है। लेकिन यूक्रेन भी कोई गंगाजल से धुले हुए तुलसी के पत्ते की तरह नहीं है। हर तरह से वो रूस का नुकसान करने की कोशिश कर रहा था।
यूक्रेन का साथ छोड़ भागे NATO: उन्होंने कहा कि यूक्रेन अमेरिका के उकसावे में आकर रूस की आंखों में सीधा अगुंली की और फिर रूस ने पलटवार कर दिया। इसके बाद यूक्रेन के पीछे NATO और अमेरिका भाग खड़े हुए। ऐसे में नुकसान अब यूक्रेन को झेलना पड़ रहा है।
बता दें कि रूस के सख्त तेवर के चलते लगातार यूक्रेन में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। वहीं यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की निकासी को लेकर रूस ने सहयोग की बात कही है। हालांकि साथ में रूस ने यह भी आरोप लगाया है कि यूक्रेन भारतीयों को बंधक बनाकर उन्हें ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
इस आरोप पर रूस ने सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि यूक्रेन की सेना ने 3,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को पूर्वी यूक्रेन के खारकीव रेलवे स्टेशन पर रखा। फिलहाल इन दावों पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर एक नोट शेयर किया। जिसमें कहा गया कि मंत्रालय यूक्रेन में भारतीयों के साथ संपर्क में हैं। किसी भारतीय को बंधक बनाने की जानकारी नहीं मिली है।