कैश फॉर क्वेरी मामले में सीबीआई जां की जा सकती है। बीजेपी नेता निशिकातं दुबे ने ये दावा कर दिया है। अगर ये दावा सही साबित होता है तो महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ना तय है। इस मामले में लोकसभा की एथिक्स कमेटी द्वारा जांच की जा रही है, टीएमसी सांसद से कई घंटों की पूछताछ भी हो चुकी है। अब उस पूछताछ के बीच ही निशिकांत दुबे ने ये सीबीआई जांच का बम फोड़ा है।
इस सीबीआई जांच पर महुआ मोइत्रा ने भी दो टूक कहा है कि उन पर सुनवाई करने से पहले कई दूसरे अडानी पर ऐसे मामले हैं जिनकी जांच की जानी चाहिए। उसके बाद अगर जांच एजेंसी चाहे तो उनके जूते गिनने के लिए आ सकती है।
इस केस की बात करें तो निशिकांत दुबे का आरोप है कि लोकसभा में गौतम अडानी की छवि बिगाड़ने के लिए मोइत्रा ने जानपूछकर ऐसे सवाल पूछे जिससे विवाद खड़ा हुआ। यहां तक कहा गया कि उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के बाद मोइत्रा की लोकसभा की लॉग इन आईडी भी पहुंच चुकी थी, ऐसे में सवाल भी उनकी तरफ से ही लिखे जा रहे थे।
सूत्रों का कहना है कि महुआ मोइत्रा पर कार्रवाई के लिए 2005 के एक फैसले का हवाला दिया जा सकता है। जब पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में 11 सांसदों को निलंबित किया गया था। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। हालांकि 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इन सांसदों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा था। महुआ मोइत्रा के खिलाफ भी कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।
वैसे इस मामले में अगर मुश्किलों में मोइत्रा फंसी हैं, तो उन्हीं के कुछ आरोपों की वजह से एथिक्स कमेटी भी सवालों के घेरे में है। असल में 2 नवंबर को इस मामले में एथिक्ट कमेटी के सामने महुआ मोइत्रा पेश हुईं थीं। इस कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी सांसद विजय सोनकर हैं। कमेटी में बीजेपी सदस्यों का बहुमत है। महुआ मोइत्रा ने पिछली सुनवाई में कमेटी पर निजी सवाल पूछने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर शिकायत भी की।