कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। उनके लिए ये बड़ा झटका है क्योंकि इस मामले में वे लगातार खुद को निर्दोष बता रही थीं। इस मामले में सियासत भी तेज चल रही है, एक तरफ बीजेपी ने इसे गलत काम की सजा बताया है तो ममता बनर्जी ने भी इसे लोकतंत्र की हत्या के रूप में देखा है। लेकिन इस पूरे विवाद के कुछ ऐसे पहलू हैं जिन्हें समझना जरूरी है। इन पहलुओं ने ही कुछ सवालों को जन्म दिया है जो सभी के मन में है-

क्या महुआ मोइत्रा फिर चुनाव लड़ पाएंगी?

हां, महुआ मोइत्रा अभी भी चुनाव लड़ सकती हैं। यहां ये समझना जरूरी है कि अभी तक इस मामले में सिर्फ एथिक्स कमेटी ने जांच की है, सीबीआई की जांच तो अभी भी जारी है। बड़ी बात ये है कि वित्तीय लेन-देन के जो भी आरोप लगे हैं, उसको लेकर अभी भी सीबीआई अपनी पड़ताल कर रही है। अगर वो आरोप सही साबित होते हैं, तभी इसे आपराधिक मामला माना जाएगा और तब महुआ का चुनाव लड़ना मुश्किल हो सकता है। असल में अगर आरोप सही निकले और महुआ को दो साल से ज्यादा की सजा हो गई तो उस स्थिति में जरूर वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। लेकिन अभी के लिए अगला लोकसभा चुनाव वे लड़ सकती हैं क्योंकि जांच की प्रक्रिया लंबी और जटिल रहने वाली है।

क्या अदालत से महुआ को राहत मिल सकती है?

हां, महुआ मोइत्रा के लिए कोर्ट के दरवाजे खुले हुए हैं। अनुच्छेद 32 के तहत तो वे सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकती हैं। लेकिन अभी इस वाली लोकसभा का कार्यकाल तो समाप्त ही होने वाला है, ऐसे में उन्हें इतनी जल्दी राहत मिलना मुश्किल रहने वाला है। लेकिन ये जरूर है कि वे एथिक्स कमेटी के फैसले को चुनौती दे सकती हैं। इसका कारण ये है कि सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसा हुआ है जब किसी स्पीकर के फैसले के खिलाफ याचिका दायर हुई हो। कई बार संसद से पास हुआ कानूनों को भी कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है।

क्या कैश फॉर क्वेरी मामले में और सांसद फंस सकते हैं?

हां, इस मामले में भी और सांसद फंस सकते हैं। असल में महुआ ने ही कहा है कि कई दूसरे नेता भी बाहरी लोगों की मदद से संसद में सवाल पूछते हैं। लेकिन एक बड़ा फर्क ये है कि क्या पैसों की भी लेन देन होती है या नहीं? यहां ये समझना जरूरी है कि पैसे देकर सवाल पूछना भ्रष्टाचार माना जाता है, वहीं अगर संसद का पासवर्ड बाहर किसी के साथ शेयर किया जाता है तो उसे भी अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे में जब जांच आगे बढ़ेगी तो संभावना है कि दूसरे सांसद भी नप जाएं।