Mahatma Gandhi Quotes: आज (30 जनवरी, 2019) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन साल 1948 में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। पूरी दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी को हम ‘बापू’ और ‘महात्मा’ कहते हैं। बापू के संपूर्ण जीवन ने दुनिया में कई लोगों की जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाला है। उनके आदर्श और उनके सिद्धांतों की वजह से वो आज हमारे दिलों में बसते हैं। महात्मा गांधी की जिंदगी पर कई फिल्में बन चुकी हैं और कई किताबें, डॉक्यूमेंट्री और आर्टिकल्स भी महात्मा गांधी पर लिखे गए हैं।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी वो पहले इंसान थे जिन्होंने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के साथ साधनों की पवित्रता जैसी जीवनपयोगी व्यवहारिक बातों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को हर साल बलिदान दिवस के रुप में भी मनाया जाता है।
Highlights
आज महात्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि है। इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर हम आपको उनके अनमोल विचारों के बारे में बता रहे हैं। बापू का कहना था कि, 'खुद वो बदलाव बनिए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।'
अधभूखे राष्ट्र के पास न कोई धर्म, न कोई कला और न ही कोई संगठन हो सकता है। काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
महात्मा गांधी कहते थे कि, विश्व के सारे महान धर्म मानवजाति की समानता, भाईचारे और सहिष्णुता का संदेश देते हैं।
महात्मा गांधी मानते थे कि इंसान को अपनी तारीफ से ज्यादा बुराई सुननी चाहिए। वे कहते थे, 'अपनी बुराई हमेशा सुनें, अपनी तारीफ कभी न सुनें। जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।'
रामायण का पाठ करते रहना व्यर्थ है यदि आप राम जैसा आचरण नहीं करते। मनुष्य जब एक नियम तोड़ता है तो बाकी अपने आप टूट जाते हैं।
अहिंसा एक विज्ञान है। विज्ञान के शब्दकोश में ‘असफलता’ का कोई स्थान नहीं। उस आस्था का कोई मूल्य नहीं जिसे आचरण में न लाया जा सके।
सार्थक कला रचनाकार की प्रसन्नता, समाधान और पवित्रता की गवाह होती है। एक सच्चे कलाकार के लिए सिर्फ वही चेहरा सुंदर होता है जो बाहरी दिखावे से परे, आत्मा की सुंदरता से चमकता है।
दांडी यात्रा के दौरान महात्मा गांधी जी ने कहा था कि, 'अगर हम भी स्वराज की इच्छा रखते हैं और यदि इसे प्राप्त करने के लिए उतने ही उत्सुक हैं, तो हम में भी समान आत्मविश्वास का होना बहुत ही आवश्यक है।'
आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है, यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।
शुद्ध हृदय से निकला हुआ वचन कभी निष्फल नहीं होता।
जो डरता है वह खोता है।
शारीरिक उपवास के साथ-साथ मन का उपवास न हो तो वह दुर्भाग्य पूर्ण और हानिकारक हो सकता है।
आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते हैं।
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।
14 जनवरी 1916 को महात्मा गांधी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'मुझमें इस बात से लज्जा तथा अपमान का भाव पैदा हो रहा है क्योंकि मुझ पर अपने देशवासियों को किसी विदेशी भाषा में संबोधित करने के लिए दबाव बनाया गया।'
जब मैं सूर्यास्त और चन्द्रमा के सौंदर्य की प्रशंसा करता हूं, मेरी आत्मा इसके निर्माता के पूजा के लिए विस्तृत हो उठती है।व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता हैं।