Latur Waqf Board Notice: महाराष्ट्र के किसानों ने शनिवार को दावा किया कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को हड़पने की जुगत में लगा हुआ है। इस पर वह कई पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं। यह कुल मिलाकर लगभग 300 एकड़ है। वक्फ बोर्ड ने लातूर के 103 को नोटिस भेजा है। अब इस मामले पर महाराष्ट्र बीजेपी चीफ चंद्रशेखर बावनकुले की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। वक्फ बोर्ड ने शरारत की है। बहुत सारी संपत्तियां हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू ट्रस्टों और किसानों की हैं, लेकिन उन्होंने जबरन उन पर अतिक्रमण करके उन्हें अपने नाम पर रजिस्टर्ड करा लिया है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले मीडिया से बातचीत में कहा, ‘वक्फ बोर्ड ने बहुत बदमाशी की है। बहुत सारी संपत्तियां हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू ट्रस्टों और किसानों की हैं, लेकिन उन्होंने जबरन उन पर अतिक्रमण करके उन्हें अपने नाम पर रजिस्टर्ड करा लिया है। इसका दोबारा से डिजिटलाइजेशन होना चाहिए। साफ-सुथरा रिकॉर्ड होना चाहिए। बीजेपी ने राज्य और केंद्र को लिखा है कि वक्फ बोर्ड ने जो शरारत की है, जिस ज़मीन पर अतिक्रमण किया है, उसे छोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए सरकार कड़ी कार्रवाई भी करेगी। मैं केंद्र और राज्य सरकार से इसकी सख्ती से जांच करने का आग्रह करता हूं।’

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क्या है पूरा विवाद

अब इस पूरे विवाद पर गौर करें तो वक्फ बोर्ड ने लातूर जिले में 300 एकड़ जमीन पर दावा किया है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति का इस्तेमाल इस्लामिक कानून के अनुसार केवल धार्मिक और परोपकारी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। उसमें से लातूर के 103 किसानों को वक्फ बोर्ड ने नोटिस भेजा है। किसानों की मांग है कि सरकार इस जमीन विवाद में दखल दे। फिलहाल यह मामला सुनवाई के लिए छत्रपति संभाजीनगर में मौजूद महाराष्ट्र राज्य वक्फ प्राधिकरण के पास चला गया है।

इस मामले में किसान तुकाराम कानावटे ने समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि हम पीढ़ियों से इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। ये वक्फ संपत्तियां नहीं हैं। महाराष्ट्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक 2 सुनवाई हो चुकी है और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। लातूर के अहमदपुर के तालेगांव के किसान इस समय इस तरह के हालात से काफी चिंतित हैं। वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर भड़के छात्र पढ़ें पूरी खबर…