महाराष्ट्र की सियासत का पारा फिलहाल चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है। शिंदे सरकार में मंत्री दीपक केसारकर ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर बयान देते हुए कहा है कि वह भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे लेकिन उनकी शर्त थी कि उन्हें अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाए।

दीपक केसारकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे की इस शर्त को महाराष्ट्र में लाचारी कहा जाता है। उन्होने कहा कि पूर्व सीएम को यह लाचारी नहीं दिखानी चाहिए थी।

हम चाहते थे- वह कांग्रेस, NCP का साथ छोड़ दें

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसारकर ने कहा कि हम सभी चाहते थे कि वह कांग्रेस और एनसीपी का साथ छोड़ दें लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया। इसके बावजूद भी हम लगातार उनके संपर्क में थे। उन्होने कहा,’हम लगातार उनके संपर्क (उद्धव ठाकरे) के संपर्क में थे और उन्हें कहते रहे कि उनका साथ छोड़ दें, हम आपके साथ वापस आ जाएंगे, वह हमारी बदनामी कर रहे थे, यह गलत था, यह जो लाचार वह कर रहे हैं, ये महाराष्ट्र की परंपरा नहीं रही है, हमारी परंपरा स्वाभिमान की है’।

एक दिन पहले एकनाथ शिंदे को लेकर दिया था बयान

मंत्री  दीपक केसरकर ने एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर बयान देते हुए कहा था कि अगर विधायकों का विद्रोह सफल नहीं होता तो एकनाथ वह  खुद को गोली मार लेते। इसके जवाब में  शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने दीपक केसरकर की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग कर डाली।

महाराष्ट्र के मंत्री ने एकनाथ शिंदे को लेकर कहा कि वह स्वाभिमान के लिए लड़ रहे थे। अपनी पहचान के लिए उन्होने बगावत की थी।  उद्धव ठाकरे को लेकर उन्होने कहा कि वह वादे करते थे और उन्हें तोड़ देते थे। एकनाथ शिंदे को इस दौरान काफी बदनाम किया गया।  इसके जवाब में संजय राउत ने कहा कि अगर उनको यह अंदाज़ा था कि एक आदमी के मन में आत्महत्या की बात आ रही है फिर भी वह कुछ नहीं बोले, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।