Maharashtra News: महाराष्ट्र की जेलों में कैद दोषियों के दैनिक वेतन में 10 प्रातिशत बढ़ोतरी हो गई है। महाराष्ट्र जेल विभाग ने यह ऐलान किया है। जेल विभाग प्रमुख अमिताभ गुप्ता ने 14 अगस्त को एक आदेश सुनाया जिसमें कहा गया है कि एक सरकारी फैसले के मुताबिक राज्य की सभी जेलों में दोषियों की दैनिक मजदूरी में हर तीन साल के बाद 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है।
फिलहाल महाराष्ट्र में नौ केंद्रीय जेल, 31 जिला जेल, 13 खुली जेल, एक जेल कॉलोनी और दो महिला जेल हैं। जिनमें 33 कैदियों में से 9 हज़ार दोषी कैदी हैं।
रोज मजदूरी कर कमाते हैं कैदी
जेलों में बंद कैदियों के लिए अलग-अलग तरह की व्यवस्था की जाती है, कैदियों को अलग-आलग काम दिया जाता है। इन जेलों में दोषी बढ़ईगीरी, चमड़े का काम, साबुन बनाने का काम, बेकरी और खेती जैसे कई काम करते हैं। कुछ जेलों में हथकरघा और मशीन करघे और पेपर बैग बनाने की यूनिट भी हैं। इन यूनिट्स दोषी कैदियों को अलग-अलग तरह का काम दिया जाता है।
जेल विभाग प्रमुख अमिताभ गुप्ता ने कहा कि स्किल्ड दोषियों के लिए दैनिक वेतन 67 रुपये से बढ़ाकर 74 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह सेमी स्किल्ड दोषियों के लिए वेतन 61 रुपये से बढ़ाकर 67 रुपये और अकुशल दोषियों के लिए दैनिक वेतन 48 रुपये से बढ़ाकर 53 रुपये कर दिया गया है। जैसा कि प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया ह खुली जेलों में कैदियों की दैनिक आय 85 रुपये से बढ़ाकर 94 रुपये कर दी गई है।
जेल में हर दोषी का एक खाता होता है जिसमें वेतन जमा होता है। जबकि कुछ लोग जेल कैंटीन से दैनिक जरूरतों के सामान खरीदने के लिए पैसे का उपयोग करते हैं, जबकि अन्य पैसे घर भेजते हैं।
कैदियों के वेतन में संशोधन का लिए बनाई गई कमेटी
2014 में तत्कालीन जेल विभाग के प्रमुख मीरान बोरवंकर ने कैदियों के वेतन में संशोधन के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति में श्रम विभाग के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति ने आठ साल के अंतराल के बाद न केवल वेतन में संशोधन किया था, बल्कि यह भी सुझाव दिया था कि वेतन को हर तीन साल में संशोधित किया जाना चाहिए।