Maharashtra Politics: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद में अब सभी की निगाहें महाराष्ट्र और झारखंड की राजनीतिक हलकों पर टिकी हुई हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र की राजनीति फिर से सुर्खियों में आ गई। महाराष्ट्र कैबिनेट की मीटिंग से गुरुवार को अचानक अजित पवार बाहर निकल आए। इसके बाद सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गई कि क्या अजित पवार एनडीए से नाराज है। क्या वह दोबारा से अपना पाला बदलने वाले हैं। अब इस तरह की अटकलों पर खुद डिप्टी सीएम अजित पवार ने विराम लगा दिया है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि उनके और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के या महायुति में किसी के बीच कोई मनमुटाव नहीं है। पवार ने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग देर से शुरू हुई और मुझे पहले से तय मीटिंग के लिए निकलना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुझे नांदेड़ पहुंचने के लिए फ्लाइट लेनी थी और फिर किसानों की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए अहमदपुर के लिए हेलीकॉप्टर से जाना था। इसलिए मैनें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जानकारी दी और फिर वहां से निकल गया।
विपक्षी दलों ने बोला हमला
वहीं विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी ने इस मुद्दे पर एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अजित पवार को दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है। शुक्रवार को कहा गया था कि अजित पवार कैबिनेट की मीटिंग से जल्दी चले गए और बाद में करीब 38 फैसले लिए गए थे। वहां पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जब बड़े वित्तीय फैसले लिए जा रहे थे तो वित्त विभाग का कार्यभार संभाल रहे अजित पवार गायब थे।
महायुति के साथी दलों ने 228 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए सीटों के बंटवारें को अभी आखिरी रूप नहीं दिया है। इसके जल्दी ही खत्म होने की संभावना है। बता दें कि पिछले साल जुलाई के महीने में अजित पवार समेत कई विधायकों शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे। इससे उनके चाचा शरद पवार की पार्टी एनसीपी का बंटवारा हो गया था।
अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का महाराष्ट्र में लोकसभा इलेक्शन में काफी खराब प्रदर्शन रहा था। पार्टी ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से महज एक ही जीत पाया। बाकी के तीन प्रत्याशी हार गए। वहीं शरद पवार के लिए लोगों की सहानुभूति रही थी और उन्हें आठ सीटों पर जीत मिली थी।