Maharashtra Politics: राजनीति में कब और किस तरह का घटनाक्रम हो जाए, इसका अंदाजा लगाना नामुमकिन है। अब महाराष्ट्र में राकां (शरदचंद्र पवार) को शिकस्त देने के लिए गठबंधन की सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार बारामती में नमो रोजगार मेला आयोजित कर रही है। इस बीच, शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बताया है कि वह अपनी बेटी और बारामती से मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले के साथ आधिकारिक समारोह में भाग लेने के इच्छुक हैं।

बारामती लोकसभा क्षेत्र में सुप्रिया सुले (शरदचंद्र पवार) और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। दोनों दलों ने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। दोनों नेता एक-दूसरे पर कटाक्ष करते हुए भी नजर आए हैं। अजीत पवार ने शनिवार को बारामती शहर में आयोजित होने वाले मेगा जॉब फेयर का फायदा लेने की प्लानिंग की है। इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस भी भाग लेंगे।

दूसरी तरफ, शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि वह सुले के साथ राज्यसभा सांसद के रूप में इस कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक हैं। सीएम और दोनों डिप्टी सीएम को भेजे पत्र में शरद पवार ने कहा कि मैं समझ गया हूं कि आप शनिवार को बारामती के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। मैं और सांसद की हैसियत से सुप्रिया सुले आधिकारिक समारोह में शामिल होना चाहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मैं विद्या प्रतिष्ठान का अध्यक्ष हूं इसलिए मैं संगठन के परिसर में आप सभी का स्वागत करना चाहता हूं।

गोविंदबाग आने का दिया निमंत्रण

शरद पवार ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद आप पहली बार बारामती का दौरा कर रहे हैं और इसके लिए मुझे बहुत खुशी है। उन्होंने कहा कि आप अपने अन्य मंत्रियों के साथ नमो मेगा जॉब फेयर के बाद दोपहर के भोजन के लिए मेरे निमंत्रण को स्वीकार करें। इस समय खुद शरद पवार बारामती में मौजूद रहेंगे।

दरअसल, चुनाव आयोग ने अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को एनसीपी के रूप में पहचान दी और उन्हें पार्टी का झंडा और चुनाव चिन्ह भी दे दिया। शरद पवार ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की थी। दूसरी तरफ बारामती शरद पवार के परिवार की सीट है। सुप्रिया 2009 से सांसद हैं। हालांकि, इस बात की जोरदार चर्चा है कि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के भी बारामती से चुनाव लड़ने की संभावना है। इस संबंध में शरद पवार द्वारा दिया गया भोजन किस बात का संकेत है, यह सवाल राजनीतिक गलियारों में उलझ गया है।