महाराष्ट्र का सियासी पारा एक बार फिर गर्म है। वजह है, उद्घव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच गुरुवार शाम को हुई मुलाकात। न्यूज एजेंसी ANI ने गुरुवार शाम जानकारी दी कि शिवसेना यूबीटी के नेता उद्घव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। यह मुलाकात विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के दफ्तर में हुई। ANI ने जानकारी दी है कि फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच करीब बीस मिनट तक मीटिंग चली।
बाद में शिवसेना यूबीटी की तरफ से जानकारी दी गई कि MLC चेयरमैन ऑफिस में सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्घव ठाकरे की मुलाकात का मकसद उन्हें महाराष्ट्र में तीसरी भाषा के विचार और हिंदी थोपे जाने का विरोध करने वाले समाचार लेखों का एक संग्रह देना था।
ठाकरे – फडणवीस मुलाकात पर क्यों हो रही चर्चा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा था कि उद्धव ठाकरे अलग तरीके से सत्ता पक्ष में आ सकते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि साल 2029 तक बीजेपी के विपक्ष में आने का कोई स्कोप नहीं है। उन्होंने कहा, “कम से कम 2029 तक तो हमारे लिए वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं है। उद्धव जी इस तरफ आने की गुंजाइश के बारे में सोच सकते हैं और उस बारे में अलग तरीके से सोचा जा सकता है, लेकिन हमारे लिए वहां आने की बिल्कुल भी गुंजाइश नहीं बची है।”
2019 विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद टूटी ठाकरे – बीजेपी की दोस्ती
कभी बीजेपी का सच्चा सहयोगी माने जाने वाले ठाकरे परिवार साल 2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम एनडीए से दूर हो गया। 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना एक साथ लड़े थे लेकिन चुनाव परिणाम के बाद सीएम पद को लेकर दोनों के बीच मतभेद गहरा गए और फिर ठाकरे परिवार एनसीपी – कांग्रेस के साथ चला गया। इन तीनों पार्टियों ने महाराष्ट्र की राजनीति में महा विकास अघाड़ी का गठन कर सरकार बनाई।
बीजेपी और ठाकरे परिवार के बीच खराब हुए रिश्ते तब और बिगड़ गए, जब एकनाथ शिंदे ने ठाकरे परिवार से बगावत कर शिवसेना पर कब्जा कर लिया और बीजेपी संग सरकार बना ली। इसके बाद साल 2024 की शुरुआत में बीजेपी – शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित गुट ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीता। इस चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
