महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस ऑफिसर अब्‍दुर रहमान ने नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में इस्‍तीफा दे दिया। रहमान ने ट्व‍िटर पर करीब डेढ़ पन्‍ने की चिट्ठी पोस्‍ट करते हुए नागरिकता संशोधन बिल को भारत के धार्म‍िक बहुलतावाद के सिद्धांत के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। रहमान ने जैसे ही अपना इस्‍तीफा ट्विटर पर शेयर किया लोग उन्हें ट्रोल करने लगे और कहने लगे कि बधाई हो! नेता पैदा हुआ है।

एक ट्वीट में अब्दुर्रहमान ने लिखा कि उन्होंने वीआरएस की मांग की थी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने वीआरएस के लिए एक अगस्त 2019 को आवेदन किया था। 25 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मेरे वीआरएस की सिफारिश भेजी थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया।’ उन्होंने आगे लिखा ये बिल देश के संविधान के खिलाफ है मैं सब से अनुरोध करता हूं कि इसका लोकतान्त्रिक तरीके से विरोध किया जाए। उन्होंने लिखा कि यह संविधान की मूल विशेषता के खिलाफ है।

रहमान के ये ट्वीट करते ही लोग उन्हें ट्रोलल करने लगे। एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा “घुसपैठिया होगा, फर्जी तरीके से IPS बन गया होगा।” एक ने लिखा कि चलो कम से कम एक नए IPS युवक जॉइन तो कर पाएंगे। कुछ लोगों ने रहमान के इस कदम का समर्थन भी किया। एक यूजर ने लिखा “आज तड़ीपार और झोलाछाप लोगो के कारण अच्छे IAS अधिकारियो को भी इस्तीफा देना पड़ रहा है, यह घोर निन्दिनीय व घातक है भारतीय समाज के लिए। एक ने लिखा ऐसा कदम उठाने के लिए बहुत ताकत चाहिए।

उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया।