महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से अभी तक सरकार बनने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। शिवसेना के एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। इससे पहले तीनों दलों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से होने वाली मुलाकात भी रद्द हो चुकी है।

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अभी भी सरकार गठन की कवायद जोरशोर से चल रही है। इससे पहले सरकार गठन पर सहमति नहीं बनने के बाद भाजपा और शिवसेना दोनों दलों को रास्ते अलग-अलग हो चुके हैं। शिवसेना अपने सीएम की बात पर अड़ने कारण यह स्थिति पैदा हुई।

इन सब के बीच उत्तराखंड कैडर के साल 2003 बैच के एक आईएएस अधिकारी काफी चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद आईएसएस अधिकारी सचिन कुर्वे को गर्वनर हाउस में तैनाती दी गई है। वे प्रशासनिक कामकाज निपटाने में राज्यपाल की कुछ खास तरीके से मदद कर रहे हैं।

साल 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से आईएएस अधिकारी कुर्वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के काफी पसंदीदा बन गए थे। अपने साथियों में मुख्यमंत्री के ‘चहेते’ के रूप में मशहूर कुर्वे मुख्यमंत्री के गृह जिले नागपुर में कलेक्टर भी रह चुके हैं। इसके बाद ये मुंबई उपनगर आ गए थे। इस साल जुलाई में उन्हें फडणवीस का सचिव नियुक्त किया गया था।

प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने बाद अब सचिव कुर्वे पर नई जिम्मेदारी आ गई है। उनका काम अब राज्यपाल को प्रशासनिक काम में मदद करना है। वे प्रशासन से जुड़ी फाइलों का निपटारा करने में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का सहयोग कर रहे हैं। रोचक बात है कि भगत सिंह कोश्यारी खुद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

इन सब के बीच भाजपा की तरफ से अभी सरकार बनने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा रहा है। भाजपा विधायकों का कहना है कि राज्य में भाजपा अभी भी सरकार बना सकती है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान के बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनाने की संभावनाओं को बल मिला था। गडकरी ने कहा था कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी संभव है।