महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक किसान को स्थानीय साहूकारों से कर्ज लेना भारी पड़ गया। नागभिड़ के मिथुर गांव के रहने वाले 36 वर्षीय रोशन शिवदास कुले ने आरोप लगाया कि उसे कर्ज को चुकाने के लिए विदेश में अपनी किडनी बेचनी पड़ी।
रोशन शिवदास कुले ने इस संबंध में चंद्रपुर पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
किसान ने आरोप लगाया है कि साहूकारों ने उसे कई सालों तक परेशान किया और यहां तक कि उससे मारपीट भी की गई। शिकायतकर्ता के मुताबिक, उसने 12.25 लाख रुपये के कुल कर्ज के लिए 48.53 लाख रुपये चुकाए।
किसान का कहना है कि साहूकार कर्ज चुकाने के लिए अभी भी उस पर दबाव डाल रहे हैं।
आइए, इस पूरे मामले को समझिए।
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बीमार हो गयी थी गायें
इंडियन एक्सप्रेस को मिली एफआईआर की कॉपी के मुताबिक, किसान ने पुलिस को बताया कि 2021 में जब वह डेयरी का बिजनेस करते थे तब उनकी 12 गायों को वायरल इंफेक्शन हो गया था। उन्होंने अपनी सारी बचत गायों के इलाज में खर्च कर दी लेकिन गायों की मौत हो गई और उन पर काफी कर्ज हो गया।
शिकायत के मुताबिक, उन्होंने फरवरी 2021 में मनीष पुरुषोत्तम घाटबंधे से ऊंची ब्याज दरों पर 1 लाख रुपये उधार लिए थे। जब कुले समय पर पैसे नहीं चुका पाए तो उन पर हमला कर दिया। कर्ज चुकाने के लिए कुले ने घाटबंधे से जुड़े पांच और लोगों से पैसे उधार लिए।
कुले ने अपनी शिकायत में किशोर बावनकुले, लक्ष्मण उर्कुडे, प्रदीप बावनकुले, संजय बल्लारपुरे और सत्यवान बोरकर का नाम लिया है। कुले का कहना है कि भारी रकम चुकाने के बाद भी आरोपी उससे और पैसे मांगते रहे और उससे लगभग 48.53 लाख रुपये जबरन वसूल लिए।
ट्रैक्टर के कागज छीने
कुले ने पुलिस को बताया कि वह कर्ज के दबाव में आ गया और उसे कंबोडिया में अपनी बाईं किडनी बेचनी पड़ी। आरोपियों ने उससे उसके पिता की कृषि भूमि को जबरन ट्रांसफर करा लिया और ट्रैक्टर के कागज भी छीन लिए।
इस मामले में द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए चंद्रपुर के एसपी सुदर्शन ने कहा, ‘जांच चल रही है, किसान की किडनी निकाली गई या नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी।’ पुलिस ने बताया कि बहुत ज्यादा ब्याज दरों की वजह से किसान पर भारी कर्ज चढ़ गया था।
किसान के साथ हुई मारपीट
किसान ने शुरुआत में गायों के इलाज पर 40000 रुपये खर्च किए लेकिन जरूरत पड़ने पर फिर उन्होंने 20% की ब्याज दर से मनीष घाटबंधे से एक लाख रुपये उधार लिए। उन्होंने कहा था कि वह 15 दिनों के भीतर इसे चुका देंगे लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर पाए तो उनके साथ मारपीट की गई और उन पर 5000 रुपये हर दिन चुकाने का जुर्माना लगा दिया गया। इस वजह से कुले को मजबूर होकर अन्य साहूकारों से ज्यादा ब्याज दरों पर और अधिक पैसा उधार लेना पड़ा।
मनीष घाटबंधे के अलावा एक लाख रुपए का कर्ज जून 2021 में किशोर से लिया। इसके बाद 2 लाख का कर्ज लक्ष्मण उर्कुडे से लिया और 5 लाख का कर्ज प्रदीप बावनकुले से भी लिया। इसके बाद भी उन्हें आगे कर्ज लेना पड़ा।
कंबोडिया के अस्पताल में निकाल ली किडनी
परिवार के सदस्यों के नाम पर कर्ज लेकर, रिश्तेदारों से उधार लेकर, सोना गिरवी रखकर और यहां तक कि उन्होंने अपनी जमीन और ट्रैक्टर बेच दिया लेकिन इसके बाद भी आरोपी लगातार बकाये की मांग करते रहे। किसान की शिकायत के मुताबिक, उन्हें धमकाया गया, कैद करके रखा गया और उनका उत्पीड़न किया गया। हताशा में आकर उन्होंने अपनी बाईं किडनी बेचने का फैसला किया। उन्हें एक जहाज से कंबोडिया ले जाया गया और वहां एक अस्पताल में उनकी किडनी निकाल ली गई। 26 अक्टूबर, 2024 को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई और वह वहां से अपने गांव लौट आए।
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किसान का कहना है कि अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उन्हें खराब स्वास्थ्य के बीच भी नौकरी करनी पड़ी। इस दौरान उन्हें एक एजेंट मिला। उसने उनसे विदेश में नौकरी दिलाने का वादा किया। वह एजेंट के बताए गए रास्ते के मुताबिक, कोलकाता और वहां से बैंकॉक और वियनतियाने होते हुए लाओस के बोकेओ शहर पहुंचे। वहां उन्हें अमानवीय हालात में काम करना पड़ा और उनका शोषण किया गया।
विजय वडेट्टीवार को बताई मुश्किल
किसान का कहना है कि उन्होंने ब्रह्मपुरी के विधायक और विपक्ष के पूर्व नेता विजय वडेट्टीवार को व्हाट्सएप पर अपनी मुश्किल बताई और भारत लौटने में मदद मांगी। वडेट्टीवार ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई और स्थानीय अधिकारियों की मदद से कुले को उनके गांव वापस लाया गया।
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