महाराष्ट्र चुनाव को लेकर नामांकन वापस लेने का सोमवार को आखिरी दिन रहा। लेकिन कई ऐसे बागी नेता सामने आए जिन्होंने टिकट ना मिलने की नाराजगी में निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब ऐसे बागियों को लेकर पहले खबर थी कि कांग्रेस और बीजेपी उन्हें मना लेगी। लेकिन अब खबर है कि ऐसे कई बागी नॉट रीचेअबल हो चुके हैं, उनके फोन तक नहीं लग रहे हैं।
पालघर सीट पर हो रहा बड़ा खेल
ऐसी खबर है कि इस समय पालघर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के बागी उम्मीदवार अमित घोड़ा फोन नहीं उठा रहे हैं, तमाम कोशिशों के बावजूद भी उनसे संपर्क नहीं साधा गया है। इसी तरह पालघर से ही महायुति के दो और उम्मीदवार ऐसे हैं जिनका फोन अभी नहीं उठ रहा है- एक प्रकाश निकम हैं और दूसरे जगदी धोडी।
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रत्नागिरी में मामला फंस गया
महाराष्ट्र की एक और सीट है रत्नागिरी राजापुर,वहां से कांग्रेस के अविनाश लाड ने बगावत कर निर्दलीय उतारने का फैसला किया है। उनका फोन नहीं लग पा रहा है, इस वजह से कांग्रेस उनसे बात तक नहीं कर पा रही है। अब अगर वह सही में यह चुनाव लड़ लेते हैं, उस स्थिति में उद्धव पार्टी के नेता राजन साल्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि वे महा विकास अघाड़ी की तरफ से इस सीट से उम्मीदवार हैं।
बीजेपी के लिए चिंता तो हिंगोली सीट पर भी खड़ी हो रही है क्योंकि वहां से बागी नेता रामदास पटेल ने निर्दलीय उतरने का फैसला कर लिया है। उन्होंने बीजेपी से पहले इस्तीफा दिया और उसके बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। वैसे इसी सीट से महायुति ने तानाजी मुटकुले को अपना उम्मीदवार बनाया है।
कोल्हापुर में बिगड़ सकता कांग्रेस का खेल
कांग्रेस की बात करें तो कोल्हापुर में भी पार्टी की चिंता बढ़ती जा रही है। राजेश लाटकर एक तो बागी हुए, उसके ऊपर उनका फोन भी अब नहीं लग रहा है। वह पहले ही साफ कर चुके हैं कि कोल्हापुर से वह निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले हैं। बताया जा रहा है कि एक बार मधुरिमा राजे छत्रपति ने उनसे बातचीत कर समझाने की कोशिश की थी, लेकिन वो बैठक भी बेनतीजा रही, इसी वजह से उनके बागी तेवर भी कायम हैं।