महाराष्ट्र चुनाव में इस बार बीजेपी की तरफ से हिंदुत्व कार्ड पर काफी खेला जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर पीएम मोदी तक ने हिंदू वोटरों को एकमुश्त करने के लिए रणनीति बना रखी है। लेकिन अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे का असल मतलब बता दिया है। बड़ी बात यह है कि उनकी परिभाषा में कहीं भी हिंदू धर्म का जिक्र तक नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत करते हुए सीएम शिंदे ने दो टूक कहा कि हम लोग यह चुनाव विकास के मुद्दे पर ही लड़ रहे हैं। लेकिन जब पीएम मोदी बोलते हैं कि हम सभी को एकजुट रहना चाहिए, वे किसी भी धर्म का जिक्र नहीं कर रहे हैं, किसी विशेष जाति की बात नहीं कर रहे हैं। वे तो सिर्फ इतना बोल रहे हैं-एक हैं तो सेफ हैं। इसका मतलब होता है कि हम सभी को एकजुट रहना होगा, सभी समुदायों को साथ लाना होगा जिससे हमारा वोट शेयर बढ़े। जिस तरह से अंग्रेज बांटते थे और फिर सत्ता पर काबिज हो जाते थे, कांग्रेस भी वहीं काम कर रही है।

सीएम शिंदे आगे कहते हैं कि एक हैं तो सेफ है का मतलब है कि सभी को एकजुट होकर राज्य को आगे लेकर जाना है। केंद्र की तरफ से पूरा समर्थन मिलने वाला है। ऐसे नारे इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में कम वोटंग हुई थी, ऐसे में महायुति के कैडर को मोटिवेट करने के लिए ऐसे नारे दिए जा रहे हैं।

वैसे इस बार के लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों का वोट एकमुश्त तरीके से महा विकास अघाड़ी को मिला था। इसे लेकर सीएम शिंदे ने जोर देकर कहा कि उनकी तरफ से दलितों और अल्पसंख्यकों को डराया गया था, कहा गया था कि अगर मोदी जी वापस आ जाएंगे तो उनके लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। लेकिन फिर भी 140 करोड़ लोग मोदी जी के साथ ही खड़े रहे। एमवीए तो मुस्लिमों में डर पैदा कर रहे थे। लेकिन हमने इस समाज को अकेला नहीं छोड़ा है, लाडकी बाहिन योजना का लाभ मुस्लिमों को भी मिला है।

इंटरव्यू में सीएम शिंदे ने एक बड़ा खुलासा भी किया। उनके मुताबिक जब वे खुद एमवीए के साथ थे, तब बीजेपी के चार से पांच नेताओं को जेल में डालने की तैयारी की गई थी। अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाती तो बीजेपी टूट जाती और एमवीए को सीधा फायदा पहुंचता। शिंदे के मुताबिक उन्होंने कभी इस प्लान को अपनी सहमति नहीं दी थी और इसे रोकने का काम किया।

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