Badlapur School Case: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में दो बच्चियों के साथ में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद में हालात काफी बेकाबू हो गए हैं। अब इस मामले पर विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र सरकार को चौतरफा घेरने की कोशिश की है। महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सरकार खुद बदलापुर की घटना पर राजनीति कर रही है। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है। 21 हजार से ज्यादा महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाएं हुई हैं। सरकार इस बात को दबा रही है। नाना पटोले ने कहा कि अब हमने महाराष्ट्र में 24 अगस्त को बंद का आह्वान किया है।

कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने इस मामले पर कहा कि हमने आज मीटिंग की और 24 अगस्त को बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में बिल्कुल भी पॉलिटिक्स नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं। थोराट ने आगे कहा कि पूरी की पूरी पब्लिक नाराज हो गई।

महाराष्ट्र बंद का आह्वान

एनसीपी (SCP) नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कल बदलापुर की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 300 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। यह एक असंवैधानिक सरकार है। अपराधियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके खिलाफ महाराष्ट्र बंद जरूरी है। इस मामले पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया दी है।

राउत ने कहा कि हम यहां सीट बंटवारे पर चर्चा करने आए थे, लेकिन फिर हमने सोचा कि हम सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं करेंगे और इसके बजाय बदलापुर की घटना के बाद राज्य में कानून व्यवस्था पर चर्चा करेंगे। महाराष्ट्र के लोग काफी गुस्से में हैं और विरोध करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हमने फैसला किया है कि 24 अगस्त को एमवीए बदलापुर की घटना को लेकर महाराष्ट्र बंद का आह्वान करेगा।

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एफआईआर दर्ज करने में क्यों हुई देरी- अनिल देशमुख

एनसीपी (SCP) नेता अनिल देशमुख ने कहा कि 4 साल की बच्ची के साथ ऐसी घटना हुई और पुलिस ने 13 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की। इससे शक होता है कि 13 घंटे क्यों लगे। कहा जा रहा है कि संबंधित स्कूल बीजेपी के करीबी लोगों का है और इसीलिए उस मामले में एफआईआर दर्ज न करने का दबाव था। नहीं तो 13 घंटे क्यों लगते। जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो पुलिस तुरंत मामला दर्ज करती है। किसके दबाव में पुलिस ने 13 घंटे तक एफआईआर दर्ज नहीं की। यह सबकुछ जांच में सामने आना चाहिए। देशमुख ने कहा कि लोगों में काफी गुस्सा है और वे चाहते हैं कि अपराधी को फांसी की सजा मिले। लेकिन ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।

शक्ति अधिनियम विधेयक दी जाए मंजूरी

उन्होंने यह भी कहा कि जब मैं राज्य का गृह मंत्री थी, तब हम एक शक्ति अधिनियम विधेयक लेकर आए थे। इस विधेयक में मौत की सजा का प्रावधान था। हमने इसके लिए एक समिति बनाई थी और इसे विधानसभा और विधान परिषद ने पारित किया था। फिर इसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया था। 3-3.5 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक केंद्र ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी है। महाराष्ट्र की जनता की तरफ से हम मांग करते हैं कि आपके पास जो शक्ति अधिनियम विधेयक भेजा गया है, उसे जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए। ताकि अगर ऐसी घटनाएं होती हैं, तो दोषियों को फांसी की सजा मिल सके।